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अमित शाह को ही क्यों बना गया गृह मंत्री ? जानिए ये हैं 5 कारण

लोकसभा चुनाव-2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की और नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बन गए. देश में बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी एक दमदार पार्टी बन गई. इसके बाद शुरु हुआ कैबिनेट मंत्रियों का सफर जिसमें कई नए चेहरों को एंट्री मिली और पहली बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी कैबिनेट मंत्री में शामिल किया गया. मगर सबके मन में एक ही सवाल है कि अमित शाह को ही क्यों बना गया गृह मंत्री ? हम आपको इसी के पीछे के कुछ कारण बताएंगे.

अमित शाह को ही क्यों बना गया गृह मंत्री ?

गुजरात के गृह मंत्री रह चुके अमित शाह अब देश के नए गृह मंत्री बन गए हैं और इसके साथ ही उन्होने अपना पद संभाल भी लिया है. अमित शाह को गृह मंत्री बनाए जाने के ऐलान के साथ ही देश के अंदर रह रहे अपराधियों, अलगाववादियों, नक्सलवादियों और देश को तोड़ने का काम करने वालों ने अपनी उल्टी गिनती शुरु कर दी है. ऐसा हम नहीं बल्कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अब देश के गृह मंत्री ने साफ कर दिया है. सोशल मीडिया पर कई लेफ्ट लिबरल गैंग के लोगों की तिलमिलाहट साफ दिख रही है कि अब ऐसे लोगों को बख्सा नहीं जाएगा. जाहिर है कि मोदी सरकार के 5 साल के कार्यकाल के दौरान आतंकवादी घटनाओं में कमी आने के साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी गतिविधियां कम हो गई हैं लेकिन अमित शाहर के गृह मंत्री बनने के बाद देस को इन सभी समस्याओं से निजात पाने में पूरी तरह से सफलता मिल सकती है. चलिए बताते हैं वो कारण जिनकी वजह से अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया है.

योजनाओं पर सख्ती बरतना

आतंरिक सुरक्षा, आतंकवाद, अलगाववाद, नक्सलवाद जैसे कई मामलों पर उनकी जीरो टोलेरेंस की नीति देश को नई दिशा में ले जा सकती है. अमित शाह एक बेहतरीन रणनीतिकार हैं और वे जो भी नीति राष्ट्र के लिए करते हैं वो सही ही होती है. ये अमित शाह ही हैं जो भाजपा को साल 2014 में जीत दिलाने के बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्यों में भाजपा को स्थापित कर चुके हैं और उस बार लोकसभा चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन शानदार था. गृह मंत्री की जिम्मेदारी होती है कि वो देश को ऐसे कई मुद्दों से निजात दिला सके इसके लिए जीरो टोलरेंस की रणनीति, निसंकोच फैसले लेने, राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बढ़िया जमानी पड़ेगी और ऐसे में अमित शाह को महारत हासिल है कि वो जो भी योजनाएं बनाएं वो राष्ट्रहित के लिए ही हो.

कानून व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था होगी दुरुस्त

राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जरूरी होता है कि हमारे देश में कानून व्यवस्था में सुधार आए और इसके लिए पुलिस प्रशासन का अहम किरदार होता है. सभी उम्मीद को सुरक्षाकर्मयों के वर्दी से लेकर उनके लाइसेंसी हथियारों के नवीनीकरण पर काम कराएंगे. केंद्रीय सुरक्षा बलों की देश में तैनाती से लेकर आइबी सहित दूसरे खूफिया सूचनाओं के इस्तेमाल पर भी वो बारीकी से काम करेंगे. आपको बता दें कि अमित शाह गुजरात में गृह मंत्री थे उस समय प्रदेश के क्राइम रेट में गिरावट आी थी तो फिर जाहिर है कि देश के लिए भी वे कुछ तो करेंगे ही.

विवादित मुद्दों पर होगी बात

देश में कश्मीर का सबसे बड़ा मुद्दा धारा 370, अनुच्छेद 35A का है इसे हटाने के लिए पूरे देश की मांग है लेकिन इसपर सरकार कुछ नहीं कर पा रही थी. पीएम मोदी द्वारा अमित शाह का गृह मंत्रालय के लिए चुनाव करना सबसे सही फैसला है क्योंकि इस बार पीएम मोदी के शाहर का गृह मंत्रालय के लिए चुनाव करना सबसे सही फैसला रहा है. अमित शाह पीएम के सबसे भरोसेमंद नेता है और इस मसले पर वे अच्छे से काम कर सकते हैं. यही नहीं पाकिस्तानी सीमाओं से होने वाली घुसपैठ के खिलाफ भी अमित शाह का रुख सख्ती से होने वाला है ऐसा अमित शाह ने गुजरात के समय किया है. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में जिस तरह से पाकिस्तान द्वारा सीज फायर का उल्लंघन किया गया उसे देखते हुए अमित शाह का चुनाव सही है.

नक्सलवाद होगा खत्म

नॉर्थ ईस्ट के छत्तिसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों में नक्सलाद को खत्म करना बहुत बड़ा लक्ष्य है और राजनाथ के कार्यकाल में ही इनकर काफी हद तक रोक लगा दी गई थी. वहीं अब जब अमित शाह ने गृह मंत्री का कार्यभार संभाला है तो उनके कार्यकाल में भी नक्सलवाद और माओवादी का भी खात्मा हो सकेगा. लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र के गढ़चिरौली, छत्तिसगढ़ के बीजापुर सहित बिहार और झारखंड में नक्सली उत्पाद की खबरें सामने आई. इसके साथ ही पूर्वोत्तर में उग्रवाद को भी काबू करने की दिशा पर कई बड़े फैसले हो सकते हैं.

राष्ट्रविरोधी गैंग के लोग

देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो खुलकर सामने नहीं आते लेकन अपनी तथाकथित विभाजनकारी नीति से देश को तोड़ने का काम करते हैं. ऐसे में अमित शाह के गृहमंभी बनने के बाद आतंकवाद, अलगाववाद, नक्सलवाद के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टालरेंस की नीति के साथ शहरी नक्सलियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. अगर कोई देश को तोडना चाहता है और देश विरोधी नीतियों का समर्थन करता है तो वो अमित शाह के निशाने पर ही होगा. इसका मतलब है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के कन्हैया कुमार हो या माओवादियों का समर्थन करने वाले जिग्नेश मेवनी किसी को भी बख्शा नहीं जाएगाा.

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