अध्यात्म

5000 वर्ष पुराना मंदिर जहां हनुमान जी खाते हैं लड्डू, भक्तों की ख्वाहिशें करते हैं पूरी

रामायण के समय में महाबली हनुमान जी सबसे अहम पात्र थे, इन्होंने राम-रावण के युद्ध में अहम भूमिका अदा की थी, ऐसा माना जाता है कि महाबली हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता है जो वर्तमान समय में भी जीवित है, पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देखा जाए तो महाबली हनुमान जी बुद्धिमान होने के साथ-साथ शक्तिशाली देवता भी है, महाबली हनुमान जी भगवान श्री राम जी के सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं, महाबली हनुमान जी को अजर-अमर देवता माना जाता है, ऐसा बताया जाता है कि अगर महाबली हनुमान जी का आशीर्वाद किसी व्यक्ति पर हो तो उस व्यक्ति के जीवन में कभी भी किसी प्रकार की मुसीबत खड़ी नहीं होती है, अक्सर लोग महाबली हनुमान जी की पूजा अर्चना मंदिरों में जाकर करते हैं और अपना जीवन खुशहाल बनाने के लिए प्रार्थना करते हैं, आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो अपने चमत्कार के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, यह मंदिर इस बात का सबूत है कि हनुमान जी अभी भी जीवित है।

आज हम आपको महाबली हनुमान जी के जिस मंदिर के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं यह मंदिर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बीहड़ नामक स्थान पर हनुमान जी का एक चमत्कारिक मंदिर मौजूद है, इस मंदिर के अंदर महाबली हनुमान जी की जो मूर्ति मौजूद है वह इनके जीवित होने का प्रमाण देती है, मान्यता अनुसार इस मंदिर में हनुमान जी स्वयं विराजमान है, इस मंदिर के अंदर महाबली हनुमान जी के दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठी होती है, महाबली हनुमान जी का यह मंदिर 5000 वर्ष पुराना है, यहां पर मौजूद मूर्ति के बारे में ऐसा बताया जाता है कि प्रतापगढ़ के राजा हुकुम तेज प्रताप सिंह को एक सपना आया था जिसमें उन्होंने यह मूर्ति देखी थी, अगले ही दिन अपने सपने के अनुसार राजा उसी स्थान पर गए और उन्होंने उस स्थान पर महाबली हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा देखी, तब राजा ने इस जगह पर मंदिर का निर्माण करवाया था, तभी से यह मंदिर दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है, वर्तमान समय में भी यहां पर महाबली हनुमान जी की मूर्ति मौजूद है और यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

इस मंदिर का सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि यहां पर हनुमान जी की जो मूर्ति मौजूद है अगर उस मूर्ति के मुंह में प्रसाद चढ़ाया जाए तो हनुमान जी यह प्रसाद खा लेते हैं, चाहे उनके मुंह में जितना भी प्रसाद अर्पित किया जाए हनुमान जी यह सभी ग्रहण कर लेते हैं, जो लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं वह हनुमान जी को भोग अवश्य लगाते हैं, परंतु उनके द्वारा लगाया गया वह भोग कहां चला जाता है इसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है, महाबली हनुमान जी लड्डू हो या दूध सब कुछ ग्रहण कर लेते हैं, मंदिर के अंदर जो प्रसाद तैयार किया जाता है वह हनुमान जी को खिलाया जाता है इतना ही नहीं इस मंदिर की सबसे अचंभित कर देने वाली बात यह है कि यहां पर महाबली हनुमान जी की चमत्कारिक प्रतिमा सांस भी लेती है ऐसा बताया जाता है कि जब हनुमान जी को प्रसाद का भोग लगाया जाता है तब उनकी प्रतिमा राम नाम का गुणगान करती है, यहां के पुजारी का भी ऐसा बताना है कि हनुमान जी की मूर्ति का प्रसाद खाना और राम नाम की आवाज आना इस बात का प्रमाण देती है कि हनुमान जी अभी भी जीवित है।

महाबली हनुमान जी के इस चमत्कारिक मंदिर के चमत्कार के बारे में जानने के लिए वैज्ञानिकों ने भी अध्ययन किए हैं परंतु वह इस बात की पुष्टि करने में असमर्थ रहे हैं कि आखिर जो भोग हनुमान जी की मूर्ति को लगाया जाता है वह भोग कहां चला जाता है? इस मंदिर के अद्भुत चमत्कार को देखने के लिए हजारों लोग यहां पर एकत्रित होते हैं, ऐसा बताया जाता है कि महाबली हनुमान जी के इस मंदिर में जो भी भक्त आता है वह कभी भी खाली हाथ नहीं जाता है, मंगलवार के दिन यहां पर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, सभी श्रद्धालु अपनी मनोकामना मांगते हैं और सबकी ख्वाहिशें हनुमान जी पूरी करते हैं।

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