अध्यात्म

इन चीजों के बिना नहीं मनाई जा सकती छठ पूजा, यह रहीं महत्वपूर्ण सामग्री

पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से नहा-खा के साथ शुरु होता है छठ पर्व और आस्था का यह पर्व पूरे तीन दिनों तक चलता है. दीपावली के ठीक छठे दिन यानी षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है और दूसके दिन सुबह उगते हुए सूर्य की पूजा की जाती है. छठ मइया को सूर्य देव की मानस बहन माना जाता है इसलिए छठ के मौके पर छठ मइया के साथ भगवान भास्कर की पूजा पूरी निष्ठा और परंपरा के साथ ही की जाती है. यह पर्व पूर्वी भारत में बहुत ज्यादा प्रचलित और खासतौर पर यह त्योहार बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है और दो दिनों तक व्रत रखने वाला बिना पानी और खाए रहता है. छठ पूजा में बहुत सी तैयारियां करनी होती हैं और इन चीजों के बिना नहीं मनाई जा सकती छठ पूजा, जानिए इसके बारे में.

इन चीजों के बिना नहीं मनाई जा सकती छठ पूजा

छठ पूजा के दौरान बहुत ही साफ-सफाई का ख्याल रखा जाता है. इस समय शुद्धता का भी खूब ध्यान रखा जाता है और इस पूजा के दौरान कौन-कौन सी सामग्री का होना जरूरी होता है इसके बारे में भी आपको जानना चाहिए. इस पूजा में ऐसी 5 चीजें हैं जिनके बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती है.

बांस की टोकरी

छठ की पूजा में बांस की टोकरी का अलग ही महत्व होता है क्योंकि बांस को आध्यात्म की दृष्टि से शुद्ध माना जाता है. इस पूजा में सभी सामग्री को रखकर ही अर्घ्य देने के लिए पूजा स्थल पर जाना चाहिए. पूजा का सभी सामान इसी बांस की टोकरी में रखा जाता है और इस टोकरी को सिर पर रखकर ही छठ घाट पर ले जाया जाता है.

गेहूं के आटे का बना ठेकुआ

छठ पूजा में गेहूं के आटे में बना ठेकुआ बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. यह ठेकुआ गुड़ और आटे से मिलकर बनता है और इसे छठ पर्व का खास प्रसाद माना जाता है. इसके बिना छठ की पूजा को अधूरा माना जाता है.

गन्ने का महत्व

छठ पूजा में गन्ने का खास महत्व होता है. अर्घ्य देते समय पूजा की सामग्री में गन्ने सबसे जरूरी समझा जाता है. गन्ने को मीठे का शुद्ध स्रोत माना जाता है और गन्ना छठ मइया को बहुत ज्यादा प्रिय होता है. कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि गन्ने के खेत की फलने फुलने के लिए छठ मईया की पूजा करना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.

केले के बिना पूजा है अधूरी

छठ मइया की पूजा करने में केले की पूजा बहुत जरूरी होती है. छठ मईया की पूजा करने में केले का पूरा गुच्छा माता को अर्पित होता है और केले का प्रयोग छठ मइया के प्रसाद के रूप में भी लाया जाता है.

नारियल

सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सभी सामान में पानी वाला नारियल का भी एक खास महत्व होता है. छठ मइया को इसका भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. छठ मइया के भक्ति गीतों में भी केले और नारियल के बारे में बताया जाता है.

डाभ नींबू

खट्टे के तौर पर छठ मइया को डाभ नींबू भी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. यह एक खास तरह का नींबू होता है जो अंदर से लाल और ऊपर से पीला होता है. यह नींबू स्वाद में थोड़ा खट्टा और थोड़ा मीठा होता है.
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