अध्यात्म

ये हैं भारत के प्रसिद्ध श्रीकृष्ण जी के मंदिर, जहां दर्शन मात्र से ही खुल जाता है भाग्य

जन्माष्टमी के पावन पर्व पर सभी मंदिरों में रौनक देखने को मिलती है। जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। कृष्ण भक्तों के लिए यह दिन बहुत ही खास माना गया है। जन्माष्टमी पर मंदिरों को बड़े ही खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान कृष्ण जी के जन्मोत्सव के लिए विशेष तैयारियां करते हैं। भगवान कृष्ण जी की प्रतिमा को सुंदर-सुंदर वस्त्र पहनाकर सजाया जाता है। आज हम आपको जन्माष्टमी के मौके पर भारत के कुछ ऐसे प्रसिद्ध और चमत्कारिक श्री कृष्ण जी के मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जहां पर दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति की किस्मत खुल जाती है। श्री कृष्ण जी के इन मंदिरों की खूबसूरती देखकर लोग आकर्षित हो जाते हैं।

द्वारकाधीश मंदिर द्वारका, गुजरात

भगवान कृष्ण जी के मंदिरों में से सबसे प्रसिद्ध मंदिर में द्वारकाधीश मंदिर का नाम शामिल है। इस मंदिर को जगत मंदिर भी कहा जाता है। चार धाम यात्रा का यह मंदिर बहुत ही प्रमुख हिस्सा माना गया है। भगवान कृष्ण जी का यह प्रसिद्ध मंदिर गोमती क्रीक पर स्थित है। लगभग 43 मीटर की ऊंचाई पर मुख्य मंदिर बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की यात्रा के बिना गुजरात के धार्मिक स्थलों की यात्रा पूरी नहीं हो पाती है। जन्माष्टमी के उत्सव पर यहां का वातावरण लोगों का मन मोह लेता है। इस मंदिर को जन्माष्टमी पर बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। इस मंदिर की रौनक जन्माष्टमी पर देखने लायक होती है।

श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन

वृंदावन का श्री बांके बिहारी मंदिर भगवान कृष्ण जी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक मंदिर है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। ऐसा बताया जाता है कि वृंदावन में ही भगवान कृष्ण जी ने अपना बचपन व्यतीत किया था। जन्माष्टमी के पर्व पर मंगला आरती होने के पश्चात यहां पर श्रद्धालुओं के लिए रात 2:00 बजे ही मंदिर के दरवाजे खुल जाते हैं। आपको बता दें कि मंगला आरती वर्ष में केवल एक बार ही की जाती है।

श्री कृष्ण मठ मंदिर, उडुपी

भगवान कृष्ण जी का यह मंदिर प्रसिद्ध होने के साथ-साथ बहुत ही खास माना गया है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां भगवान की पूजा खिड़की के 9 छिद्रों में से की जाती है। हर वर्ष यहां पर लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है। विशेष रूप से जन्माष्टमी के पर्व पर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। इस दिन यहां की रौनक देखने लायक है। पूरे मंदिर को बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। जन्माष्टमी के त्यौहार पर यह मंदिर फूलों और लाइट्स से जगमगाने लगता है।

द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा

कृष्ण जी के इस प्रसिद्ध मंदिर के अंदर कृष्ण जी के काले रंग की प्रतिमा की पूजा अर्चना होती है। इस मंदिर के अंदर राधा जी की मूर्ति सफेद रंग की है। इस मंदिर में आकर भक्तों को काफी सुकून महसूस होता है। जन्माष्टमी के त्यौहार पर यहां बहुत ज्यादा धूमधाम देखने को मिलती है। जन्माष्टमी पर यहां का माहौल लोगों का मन मोह लेता है।

जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा

इस मंदिर के अंदर भगवान कृष्ण जी अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। प्रति वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर रथ यात्रा होती है जो बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। रथ को खींचने के लिए यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

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