अध्यात्म

25 जनवरी से हो रही है गुप्त नवरात्रि की शुरुआत,जानिए शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

ऐसा बताया जाता है कि मां दुर्गा की पूजा करने वाले भक्तों के ऊपर कभी भी कोई परेशानी नहीं आती है, अगर इनकी पूजा-अर्चना भक्त करता है तो उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं, धार्मिक शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो नवरात्रि में मां दुर्गा के रूपों की पूजा की जाती है, साल में कुल 4 नवरात्रि आती है, इन चारों नवरात्रि में से शारदीय और चैत्र नवरात्रि प्रमुख मानी गई है, गुप्त नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की सार्वजनिक पूजा नहीं की जाती है, गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के अतिरिक्त भगवान शिव जी और माता पार्वती जी के अर्धनारीश्वर महाशक्ति के रूप की गुप्त रूप से पूजा-अर्चना होती है।

साल में पड़ने वाली 4 नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्रि को मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, लेकिन गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की पूजा होती है, माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान जो साधक देवी माता की पूजा करते हैं उनके लिए कई कड़े नियम का पालन करना बहुत ही जरूरी है, माघ मास की नवरात्रि के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस गुप्त नवरात्रि में शिव और मां शक्ति की उपासना होती है शास्त्रों में गुप्त नवरात्रि को विशेष रूप से गुप्त सिद्धियों को प्राप्त करने का साधना काल बताया गया है, तंत्र मंत्र की सिद्धियों के लिए गुप्त नवरात्रि का बहुत महत्व माना गया है, इन दिनों में साधक गुप्त रूप से तंत्र मंत्र की सिद्धियों को प्राप्त करते है।

जानिए कब से शुरू है माघ गुप्त नवरात्रि और इसका शुभ मुहूर्त

वर्ष 2020 में माघ मास की गुप्त नवरात्रि 25 फरवरी से आरंभ हो रही है और यह 4 फरवरी तक चलने वाली है, अगर हम गुप्त नवरात्रि के घट स्थापना की बात करें तो 25 जनवरी यानी शनिवार के दिन इसकी घट स्थापना की जाएगी और घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः काल 9:48 बजे से लेकर 10:47 बजे तक रहेगा, घट स्थापना की कुल अवधि करीब 59 मिनट तक रहने वाली है, इसके अतिरिक्त घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त 12:12 बजे दोपहर से 12:55 बजे दोपहर तक रहने वाला है।

जो साधक गुप्त माघ नवरात्रि की पूजा करता है वह पहले दिन कलश स्थापना करता है, कलश स्थापना करने के पश्चात सुबह और शाम के समय दुर्गा माता की चालीसा और सप्तशती का पाठ या मंत्रों का जाप किया जाता है और दोनों वक्त देवी माता की आरती होती है, आरती के दौरान देवी माता को लाल रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं, क्योंकि माता को लाल रंग के फूल बहुत ही प्रिय है, इसी वजह से साधक यह प्रयत्न करता है कि मां भगवती को लाल रंग के फूल अर्पित करें, माघ गुप्त नवरात्रि के दिनों में खानपान को लेकर बहुत ही सावधानी बरतनी जरूरी है, इन दिनों में सात्विक भोजन का ग्रहण किया जाता है।

जो लोग तंत्र मंत्र में विश्वास रखते हैं उनके लिए गुप्त नवरात्रि बहुत ही खास मानी जाती है, अगर हम धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देखें तो गुप्त नवरात्रि महाविद्या की गुप्त रूप से आराधना के लिए उत्तम दिन माना जाता है, इन दिनों में गुप्त साधना की जाती है, इसी वजह से इसको गुप्त नवरात्रि के नाम से लोग जानते हैं, इस नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन साधक कन्या पूजन के साथ ही व्रत का उद्यापन करता है।

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