अध्यात्म

श्रीकृष्ण ने क्यों चुना था महाभारत के युद्ध के लिए कुरूक्षेत्र को, इसके पीछे जुड़ा है बहुत ही बड़ा रहस्य

महाभारत एक ऐसा ग्रंथ और एक ऐसी गाथा है जिसका हिंदु धर्म में बहुत ही महत्व है। महाभारत हिंदुओं का एक पवित्र ग्रंथ हैं और इसमें भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश असल जीवन से वास्ता रखते हैं। महाभारत का युद्ध कुरूक्षेत्र में हुआ था और वहीं पर भगवान कृष्ण ने गीता के उपदेश दिए थे। महाभारत के युद्ध के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन इसके बावजूद भी इससे जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं जिसके बारे में आज तक कोई नहीं जानता है, या फिर बहुत ही कम लोगों को इसके बारे में पता है। इन्हीं रहस्यों और प्रश्नों में एक है कि महाभारत का युद्ध आखिर कुरूक्षेत्र में ही क्यों हुआ?

बता दें कि महाभारत के युद्ध के लिए कुरूक्षेत्र को भगवान कृष्ण ने ही चुना था। महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुई था। जिसमें ना जाने ही कितने महान योद्धाओं को वीरगति मिली थी। भगवान कृष्ण महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सारथी बने थे। और उन्होंने इस युद्ध के लिए कुरूक्षेत्र को ही क्यों चुना था इसके पीछे भी एक राज छुपा हुआ है।  शास्त्रों के मुताबिक, महाभारत का युद्ध जब तय हो गया तो उसके लिये जमीन तलाश की जाने लगी। भगवान श्रीकृष्ण चाहते थे कि इस युद्ध के जरिए दुनिया में बढ़ रहे पाप को खत्म करना चाहते थे। जिस लिए वो ऐसी जमीन की तलाश कर रहे थे जहां पर क्रोध, द्वेष पर्याप्त मात्रा में हो।

महाभारत के युद्ध के लिए जमीन तलाशने के लिए श्रीकृष्ण ने अपने सभी दूतों को लगा दिया और हर वहां पर होने वाली सबी घटनाओं का जायजा लेने को कहा। श्रीकृष्ण का आदेश मिलते ही उनके दूत दुनिया की सारी जमीनों का जायजा लेने लगे। सभी जगह पर भ्रमण करने के बाद दूत श्रीकृष्ण के पास पहुंचे और उनको सभी जमीनों के घटनाओं के बारे में बताया। जिसमें कुरूक्षेत्र की जमीन पर हुई एक घटना का पता लगा जिसमें एक भाई ने अपने ही भाई का कत्ल कर दिया था।

दूत ने बताया की कुरूक्षेत्र की जमीन पर एक भाई ने अपने छोटे भाई को खेत की मेंड़ टूटने पर बहते हुए वर्षा के पानी को रोकने के लिए कहा, लेकिन उसने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया। इस पर बड़ा भाई गुस्से से आग बबूला हो गया और उसने छोटे भाई को छुरे से गोद कर मार डाला और उसकी लाश को घसीटता हुआ उस मेंड़ के पास ले गया और जहां से पानी निकल रहा था वहां उसकी लाश को पानी रोकने के लिए लगा दिया।

इस घटना के बारे में जानकर श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र की जमीन को इस युद्ध के लिए बिल्कुल सही जगह माना। क्योंकि उनको डर था कि इस युद्ध में अपने भाइयों और सगे संबंधियों की मृत्यु होते देख कर कही कौरव और पांडव आपस में संधि ना कर लें। और कुरूक्षेत्र की जमीन पाने के बाद श्रीकृष्ण बिल्कुल निश्चिंत हो गए कि इस भूमि के संस्कार यहां पर भाइयों के युद्ध में एक दूसरे के प्रति प्रेम उत्पन्न नहीं होने देंगे। इसके बाद उन्होंने महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में करवाने का एलान कर दिया।

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