अन्य

हॉकी वर्ल्ड कप का यह खिलाडी रहता है कच्चा मकान में , न बिजली न पानी, पढ़ें नीलम की दुःखभरी कहानी

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है और हॉकी का विश्वकप भारतीय सरजमीं पर खेला जा रहा है. हॉकी विश्वकप में 16 टीमें भाग लें रही है. बता दें कि भारत इस बार हर हाल में विश्वकप अपने नाम करना चाहेगा. यह विश्वकप ओडिशा के भुवनेश्वर-राउरकेला में हो रहा है.

विश्वकप में पहला मैच भारत और स्पेन के बीच 13 जनवरी को खेला गया. वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने विजयी आगाज किया है. स्पेन को भारत ने हरा दिया. भारत ने हॉकी विश्वकप साल 1975 में जीता था. तब से अब तक भारत के हाथ खाली है. भारतीय टीम का हिस्सा नीलम संजीप सेस भी है.

नीलम संजीप सेस भारतीय हॉकी टीम के स्टार डिफेंडर है. टीम के साथ होने पर नीलम एक लग्जरी लाइफ स्टाइल जीते है. वे महंगे-महंगे होटल में ठहरते हैं हालांकि उनके घर-परिवार के हालात बेहद खराब है. उनका परिवार कच्चे मकान में रहता है. उनके परिवार को आर्थिक तंगी का खूब सामना करना पड़ता है.

न पक्का घर है, न पानी का कनेक्शन. जबकि कभी बिजली का इंतजाम भी नहीं था. 24 साल के नीलम ओडिशा के ही रहने वाले हैं.  उनका परिवार ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में कुआरमुंडा ब्लॉक के काडोबहाल गांव में रहता है. उनके घर-परिवार के हालात बेहद खराब है. घर की जिम्मेदारी एक तरह से उनके कंधों पर भी है.

नीलम का बचपन गरीबी में गुजरा है. अब भी उन्हें और उनके परिवार को इस तरह के हालातों से गुजरना पड़ रहा है. एक समय ऐसा भी था जब नीलम के पास हॉकी स्टिक खरीदने तक के पैसे भी नहीं हुआ करते थे. लेकिन अब वे विश्वकप में भारतीय टीम का हिस्सा है.

नीलम का परिवार गांव में रहकर सब्जी की खेती करने का काम करता है. परिवार के सदस्यों को मजदूर के रुप में काम करना पड़ रहा है. एक तो नीलम का कच्चा मकान है और वो भी बहुत छोटा है. उनके घर में ज्यादा जगह नहीं है. उनके द्वारा जीती गई ट्रॉफियां, सर्टिफिकेट्स और मेडल्स भी नीचे जमीन पर रखे हुए है. उनके घर-परिवार को ठीक से खाना भी नसीब नहीं होता है. राशन कार्ड की मदद से घर में राशन आता है.

नीलम के पिता ने एक साक्षात्कार में बताया है कि, ”हमें अभी तक सरकार से किसी तरह की मदद नहीं मिली है. हमारे पास कच्चे मकान में रहने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. जब हमारा बेटा ब्रेक में आता है तो वह भी हमारे साथ कच्चे मकान में रहता है. अगर सरकार उन्हें पक्का मकान दिलवाती है तो हम उनके आभारी रहेंगे”.

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button