अध्यात्म

भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया था आखिर क्यों अच्छे लोगों के साथ होता है बुरा?

इस संसार में हर तरह के लोग रहते हैं, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो गलत काम करने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करते हैं, बिना किसी डर के वह बुरे काम करते रहते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनको बुरे कामों से बहुत ज्यादा डर लगता है, इन लोगों को यह लगता है कि अगर वह बुरे काम करेंगे तो वह किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं परंतु उनका सोचना बिल्कुल उल्टा होता है क्योंकि अक्सर देखा गया है कि बुरे लोगों के साथ कुछ भी गलत नहीं होता है परंतु जो लोग अच्छे होते हैं उनके साथ बुरा होता है, कभी आप लोगों ने इस बात पर गौर किया है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? अच्छे लोगों को ही बुरे समय से क्यों गुजरना पड़ता है? शायद हो सकता है कि इस तरह का विचार आपके मन में आया हो, परंतु आपको इसका सही जवाब ना मिला हो, परंतु आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इस सवाल का सही जवाब बताने वाले हैं दरअसल, अर्जुन ने भी भगवान श्री कृष्ण जी से यही सवाल पूछा था कि क्यों अच्छे लोगों के साथ बुरा होता है? तब इस सवाल का जवाब भगवान कृष्ण जी ने अर्जुन को दिया था।

ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी तो होगी कि भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन के माध्यम से समस्त मानवता को गीता ज्ञान जैसा अनमोल उपहार दिया है, जब मनुष्य कठिन समय में होता है तब यही उसको धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है, एक बार अर्जुन ने भगवान कृष्ण जी से यह सवाल पूछा था कि हे प्रभु ! आखिर क्यों अच्छे लोगों के साथ ही बुरा होता है? तब इस सवाल का जवाब देते हुए भगवान कृष्ण जी ने अर्जुन से कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि अच्छे लोगों के साथ बुरा कर्म हो रहा है परंतु इसका उल्टा ऐसा कुछ भी नहीं होता है, जो लोग सदाचारी और धर्म के मार्ग पर चलने वाले होते हैं वह हमेशा ईश्वर से प्रेम करते हैं, इसलिए वह चाहते हैं कि उनके पिछले जन्मों के पाप कर्म जितनी जल्दी हो सके खत्म हो जाए, जिससे वह अपने सभी पापों से मुक्ति पाकर शांति और मोक्ष की प्राप्ति कर पाए।

भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को बताते हुए कहा था कि मनुष्य ने अपने पिछले जन्म में ना जाने कितने पाप किए होते हैं उसके पश्चात ही उसको सदज्ञान की प्राप्ति होती है और वह सदाचारी मनुष्य में परिवर्तित होता है परंतु हर मनुष्य को अपने कर्मों की सजा अवश्य काटनी पड़ती है यहां तक की देवता भी अपने किए गए कर्मों की सजा भुगतता है इसी वजह से राम के रूप में बाली का वध करने के पश्चात भगवान विष्णु जी को कृष्ण के रूप में बहेलिये से तीर खाना पड़ा था यह सब कर्मों का ही फल होता हैं जो मनुष्य के जीवन में कष्ट लेकर आते हैं, जब मनुष्य अपने किए गए कर्मो को काट लेता है तो वह इन सभी चीजों से छुटकारा प्राप्त कर लेता है और उसको मोक्ष का मार्ग हासिल होता है, इन्हीं सब कारणों से अच्छे लोगों के साथ कई बार बुरा होता है परंतु वास्तव में वह लोग अपने पिछले जन्मों के कर्मों की सजा काटते हैं मनुष्य इसे काट कर मुक्त हो जाता है और वह मोक्ष को प्राप्त करता है।

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