अध्यात्म

25 मई सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा की शुरुआत, यह काम करने से भगवान होंगे खुश

25 मई 2020 को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने वाला है और यह 8 जून 2020 तक इसी नक्षत्र में रहने वाले हैं ये 15 दिनों तक इसी नक्षत्र में रहेंगें, अगर हम हिंदू पंचांग के मुताबिक देखे तो ज्येष्ठ महीने में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं और ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश होने की वजह से गर्मी बढ़ने लगती है, जैसे ही सूर्य अपना नक्षत्र बदलता है नौतपा शुरू हो जाता है, इस वर्ष 25 मई से नौतपा की शुरुआत होगी, 9 दिनों तक नौतपा रहेगा, धार्मिक परंपराओं के अनुसार नौतपा के समय यानी 25 मई से 2 जून तक यदि कुछ विशेष कार्य किए जाते हैं तो इससे व्यक्ति को अपने जीवन में शुभ फल मिलता है और भगवान का आशीर्वाद बना रहेगा।

आइए जानते हैं नौतपा में कौन से कार्य करें

1. अगर आप चाहते हैं कि आपके ऊपर भगवान का आशीर्वाद बना रहे तो आप इस समय के दौरान दान अवश्य करें, धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस समय के दौरान दान करने का बहुत अधिक महत्व माना गया है, यदि आप नौतपा में दान करते हैं तो इससे आपको कई गुना अधिक फल मिलता है, धार्मिक शास्त्रों में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि यदि इस समय में जल का दान किया जाए तो व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है, नौतपा की वजह से भीषण गर्मी बढ़ने लगती है और गर्मी की वजह से प्यास भी अधिक लगने लगती है, अगर आप इस समय के दौरान जरूरतमंद लोगों को पानी पिलाते हैं तो इससे भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

2. आप नौतपा के दौरान ठंडी चीजों का सेवन कीजिए, इस समय में गर्मी अधिक होती है, जिसके कारण मनुष्य के शरीर में पानी की कमी होने का खतरा बढ़ जाता है, अगर आप ठंडी चीजों का सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर में ठंडक बनी रहेगी, आप चाहे तो जरूरतमंद लोगों को इन चीजों का दान भी कर सकते हैं, आप दही, नारियल, पानी जैसी चीजें सेवन करें और दान कीजिए।

3. प्राचीन समय से ही नौतपा के दौरान मेहंदी लगाने की परंपरा मानी गई है, अगर हम धार्मिक परंपरा के अनुसार देखें तो इस अवधि में महिलाओं को अपने हाथ पैरों में मेहंदी लगानी चाहिए, यह कार्य नौतपा के दिनों में इसलिए किया जाता है क्योंकि इसकी वजह से ठंडक मिलती है, मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, जिसके कारण गर्मी से राहत प्राप्त होती है, जब सूर्य अपना नक्षत्र बदलता है तो नौतपा शुरू हो जाता है, जिसके साथ ही गर्मी भी बढ़ती है, इसलिए इन दिनों में मेहंदी लगाएं।

अगर हम भारतीय संस्कृति और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देखें तो ज्येष्ठ महीने का बहुत अधिक महत्व माना गया है, नौतपा का पूरा चक्र 15 दिनों का होता है, इस समय के दौरान 9 दिनों तक धरती पर प्रचंड गर्मी का असर देखने को मिलता है, सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में होकर वृषभ राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है तब नौतपा की शुरुआत हो जाती है, उपरोक्त 9 दिनों तक आप नौतपा के समय कौन से कार्य कर सकते हैं, इसके बारे में जानकारी दी गई है, अगर आप यह कार्य करते हैं तो इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी और ईश्वर का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा, इन कार्यों को करने से प्रचंड गर्मी से भी राहत प्राप्त होती है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button