अध्यात्म

सावन में भगवान शिव को चढ़ाएँ मूँग, होगी संतान सुख की प्राप्ति, सावन में इनका है विशेष महत्व

सावन का पवित्र महीना 28 जुलाई से शुरू हो चुका है। हिंदू धर्म में इस महीने का ख़ास महत्व माना गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस महीने के बारे में कई बातें बताई गयी है। सावन के महीने के बारे में कहा जाता है कि यह भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना है, इस पूरे महीने भगवान शिव धरती पर निवास करते हैं और अपने भक्तों के सुख-दुःख को बाँटते हैं। जो भक्त सावन के महीने में भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करता है, भगवान शिव उसे कभी निराश नहीं करते हैं।

भगवान शिव होते हैं बहुत प्रसन्न:

भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं। सावन के महीने में ना केवल भगवान शिव की बल्कि कई अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा की जाती है। सावन के महीने में भक्त और भगवान शिव के बीच की दूरी बहुत कम हो जाती है, इसी वजह से भगवान सबकी पुकार आसानी से सुन लेते हैं। इस महीने में भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय भी करते हैं। कुछ उपायों से भगवान शिव सच में बहुत ज़्यादा प्रसन्न हो जाते हैं।

सावन महीने में किए गए कुछ ख़ास उपायों से आपका भाग्य उदय हो सकता है। शिवपुराण में ऐसे कई उपायों के बारे में बताया गया है, जो सावन के महीने में किए जा सकते हैं। व्यक्ति अपनी अलग-अलग समस्या के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उपाय कर सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके जीवन की कई समस्याओं को पल भर में दूर कर देगा।

अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग उपाय:

*- चावल:

जो लोग सावन के महीने में भगवान शिव को चावल चढ़ाते हैं, उन्हें धन की कमी नहीं होती है।

*- तिल:

सावन के महीने में भगवान शिव को तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।

*- जौ:

सावन के महीने में भगवान शिव को जौ अर्पित करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

*- मूँग:

सावन में भगवान शिव को मूँग चढ़ाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

मान्यता के अनुसार माता सती ने अपने जीवन का त्याग करके कई वर्षों तक शृपिट जीवन जिया था। इसके बाद माता सती का जन्म पर्वतराज हिमालय के घर पार्वती के रूप में हुआ। माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए सावन में महीने में कठोर तापस की। इससे ख़ुश होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी कर दी और उनसे शादी कर लिया। माता सती को पार्वती के रूप में पाकर भगवान शिव भी बहुत प्रसन्न हुए। तभी से भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय हो गया।

सावन के महीने में जितना ज़्यादा हो सके धर्म-कर्म के काम करने चाहिए। सावन के महीने में पाप कर्म करने से बचना चाहिए। ग़रीबों और कमज़ोरों को तो कभी भी नहीं सताना चाहिए, लेकिन सावन में इस बात का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। सावन में इस बार चार सोमवार पड़ेंगे। 26 अगस्त को सावन महीने का अंत होगा।

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