अध्यात्म

हनुमानजी के इस अनोखे मंदिर में शनि इनके चरणों में नारी रूप में रहते हैं,शनि प्रकोप होते हैं दूर

जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि शनिदेव स्वभाव के सबसे क्रोधित देवता माने जाते हैं इनके क्रोध से हर कोई व्यक्ति बचना चाहता है शनि देव के बारे में ऐसा बताया जाता है कि अगर इनकी बुरी दृष्टि किसी व्यक्ति पर पड़ जाए तो उस व्यक्ति के जीवन में परेशानियां आने लगती है व्यक्ति को हर क्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है परंतु आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे अनोखे मंदिर की कहानी बताने वाले हैं जो सबसे शक्तिशाली शनि देव को भी डर कर नारी रूप धारण करना पड़ गया था यह कहानी महाबली हनुमान जी और शनिदेव की है वैसे ग्रंथों में देखा जाए तो महाबली हनुमान जी और शनिदेव के विषय में बहुत सी कहानियों का उल्लेख किया गया है ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति हनुमान जी की भक्ति करता है उसके ऊपर शनिदेव का प्रकोप नहीं होता है महाबली हनुमान जी के आगे शनि देव कुछ भी नहीं कर पाते हैं।

आप सभी लोगों को तो पता ही है कि शनि देव के ऊपर सरसों का तेल चढ़ाया जाता है परंतु शनिदेव पर तेल चढ़ाने के पीछे भी ऐसा बताया जाता है कि एक बार महाबली हनुमान जी और शनिदेव में युद्ध हुआ था और उस युद्ध में हनुमानजी ने शनिदेव को पराजित कर दिया था इसके पश्चात से ही शनि देव पर तेल अर्पित किया जाने लगा था परंतु आज हम आपको हनुमान जी के ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर शनि महाराज हनुमान जी के चरणो में स्त्री का रूप धारण करके बैठे हुए हैं।

दरअसल, हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं यह हनुमान जी का प्राचीन मंदिर गुजरात के भावनगर में स्थित सारंगपुर गांव में है पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार धरती पर शनिदेव का प्रकोप कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था शनि देव की बुरी दृष्टि की वजह से मानव और देवता भी काफी परेशान हो गए थे ऐसी स्थिति में सभी लोगों ने यह फैसला किया था कि शनिदेव के प्रकोप से सिर्फ महाबली हनुमान जी ही रक्षा कर पाएंगे जब इस बात की खबर महाबली हनुमान जी को लगी की शनि देव सभी भक्तों को परेशान कर रहे हैं तो उनको काफी गुस्सा आ गया और वह गुस्से में आकर अपनी गदा लेकर शनि को अपने भक्तों को परेशान करने की सजा देने के लिए निकल पड़े थे जब शनि देव को यह जानकारी लगी कि हनुमान जी गुस्से में उनकी तलाश में आ रहे हैं तो शनिदेव भयभीत हो गए थे उनको इस बात की अच्छी तरह खबर थी की हनुमान जी से उनकी रक्षा कोई नहीं कर पाएगा तब शनिदेव ने हनुमान जी के गुस्से से बचने के लिए उपाय लगाकर स्त्री का रूप धारण कर लिया था।

महाबली हनुमान जी ब्रह्मचारी है और वह कभी भी किसी महिला के ऊपर हाथ नहीं उठाते हैं और ना ही किसी महिला के साथ बुरा बर्ताव करते हैं बस यही सोच कर शनि देव ने हनुमान जी से बचने के लिए महिला का रूप धारण कर लिया था और उनके चरणों में शरण मांग ली थी हनुमान जी को इस बात की जानकारी हो गई थी कि महिला के रूप में शनि देव है परंतु महाबली हनुमान जी किसी महिला पर हाथ नहीं उठाते थे इसलिए उन्होंने शनिदेव को नारी रूप में माफ कर दिया था तब शनिदेव ने हनुमान जी के भक्तों से अपना प्रकोप हटा लिया था और नारी रूप में ही हनुमान जी के चरणों में रहने का प्रण लिया था गुजरात का यह प्राचीन हनुमान मंदिर कश्त्भंजन हनुमान मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि जो भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आता है और हनुमान जी की भक्ति करता है उसके ऊपर से शनिदेव का प्रकोप दूर होता है और शनिदेव हनुमान जी के भक्तों को कभी परेशान नहीं करते हैं।

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