अध्यात्म

महादेव की तीसरी आंख का रहस्य जानकर आपकी आंखें रह जायेंगीं खुली की खुली

महादेव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों की भक्ति से सबसे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं महादेव स्वभाव से बहुत ही भोले हैं इसलिए इनके भक्त इनको भोला नाम से पुकारते हैं परंतु यह जितने स्वभाव के भोले हैं इनको क्रोध भी उतना ही अधिक आता है यदि इनको एक बार क्रोध आ जाए तो इनके क्रोध को कोई शांत नहीं कर सकता, आप सभी लोगों ने सभी देवी देवताओं की तस्वीरें या मूर्तियां देखी होंगी परंतु सभी देवी देवताओं में तीसरी आंख सिर्फ भोलेनाथ की ही नजर आती है शास्त्रों में भी हर जीव की तीसरी आंखें होती हैं इस बारे में उल्लेख किया गया है परंतु पूरे ब्रह्मांड में सिर्फ महादेव ही ऐसे हैं जिनकी तीसरी आंख नजर आती है क्या आप लोगों ने इनकी तीसरी आंख के रहस्य के बारे में जानने की कोशिश की है? शायद ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो इनकी तीसरी आंख के रहस्य के बारे में जानता होगा।

इस संसार में हर जीव की तीसरी आंखें होती हैं परंतु सिर्फ महादेव की तीसरी आंख क्यों नजर आती है? आखिर महादेव की तीसरी आंख का क्या रहस्य है? यह एक बहुत बड़ा राज़ है जिसको आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताने वाले हैं।

आइए जानते हैं महादेव की तीसरी आंख का रहस्य

  • ज्यादातर सभी लोगों को पता होगा कि भगवान शिव जी को त्रिलोचन नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है तीन आंखों वाला, महादेव इस संसार में एकमात्र ऐसे देवता है जिन के तीन नेत्र हैं शास्त्रों के मुताबिक महादेव की दो नेत्रों में एक चंद्रमा और दूसरा सूर्य कहा गया है जबकि तीसरी आंख को विवेक कहा गया है।

  • महादेव एकमात्र ऐसे देवता है जिनकी आंखों से सच्चाई कभी नहीं छुप सकती इसलिए महादेव को परम ब्रह्म भी कहा गया है महादेव की यह तीसरी आंख ज्ञान चक्षु होती है इसको विवेक यानी बुद्धि का प्रतीक कहा गया है।
  • महादेव अपनी तीसरी आंख हमेशा बंद करके रखते हैं यह अपनी तीसरी आंख जब खोलते हैं जब इनको अत्यधिक क्रोध आता है इनका विवेक विचलित होने पर इनकी तीसरी आंख खुलती है जिसकी वजह से प्रलय आता है।

  • तीसरी आंख हर मनुष्य को प्राप्त होती है जो अतः प्रेरणा के समान अंदर होता है जिसको जागृत करने के लिए कठोर साधना और ज्ञान की आवश्यकता पड़ती है वास्तव में देखा जाए तो यह तीसरी आंख काम वासना क्रोध लोभ मोह अहंकार को कंट्रोल रखती है इसके साथ ही यह आत्मा को जन्म मरण से मुक्त भी करवाती है।
  • यदि हम सांसारिक दृष्टि से देखें तो ऐसा कहा जाता है कि तीसरी आंख सही और गलत, जीवन में आने वाली परेशानियां और कठिनाइयों की जानकारी देती है और यह हमें सही रास्ता दिखाती है तीसरे नेत्र की सहायता से हम ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं अपने क्रोध लोभ मोह अहंकार को समाप्त कर सकते हैं।
  • महादेव के तीनों नेत्रों में त्रिलोक बसा हुआ है इसलिए भगवान शिव जी को त्रिलोक स्वामी भी कहा जाता है यह तीनों नेत्र त्रिकाल का प्रतीक माना जाता है जो भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य काल को बताता है।

अब आप महादेव की तीसरी आंख का रहस्य तो समझ ही गए होंगे यह तीसरी आंख हर मनुष्य के अंदर मौजूद होती है अगर आप इसको जागृत करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कठोर तपस्या करनी पड़ेगी।

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