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फेसबुक पर हुआ प्यार तो रचा ली शादी, लेकिन दुल्हन जिस का नाम मेघना था वो निकला मेघनाथ

शादी के बाद दूल्हे को लगा 440 वॉल्ट का झटका, दुल्हन निकली लड़का,

शादी करना हर युवक का सपना होता है। वह इसके सपने कई सालों पहले से देखना शुरू कर देता है। लेकिन क्या होगा जब आपको शादी के बाद पता चले कि जिसके साथ आपने साथ फेरे लिए वह लड़की नहीं बल्कि लड़का है। यकीनन ये जान आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। ओडिशा के भद्रक जिले में एक युवक के साथ ऐसा ही कुछ हुआ।

फेसबुक का प्यार पड़ा महंगा, दुल्हन निकली लड़का

यहां बासुदेवपुर प्रखंड के कसिया गांव में एक युवक महिला का रूप धारण कर शादी कर रहा था। लेकिन शादी के तुरंत बाद उसकी पोल खुल गई। दरअसल पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के आलोक कुमार मिस्त्री की फेसबुक पर मेघना नाम की एक लड़की से दोस्ती हुई थी। उसने खुद को केंद्रपाड़ा में जम्बू मरीन पुलिस सीमा के रामनगर गांव के बिश्वनाथ मंडल की बेटी बताया था।

फेसबुक की इस दोस्ती को 15 दिन ही हुए थे कि आलोक और मेघना एक-दूसरे को दिल दे बैठे। दोनों ने आपस में कई तस्वीरें भी साझा की। फिर आलोक ने मेघना को शादी का ऑफर दिया। इसके बाद मेघना आलोक से मिलने चंडीखोल आई। इसके बाद आलोक मेघना को भद्रक के बासुदेवपुर स्थित अपने चाचा के घर ले गया।

ऐसे खुली नकली दुल्हन की पोल

आलोक के परिवार को भी मेघना पसंद आ गई। फिर दोनों की शादी हो गई। शादी के बाद रिसेप्शन पार्टी का भी आयोजन हुआ। इस पार्टी में बिनोबाभानगर की रहने वाली सुजाता मंडल भी आई। लेकिन जब उसने मेघना को दुल्हन बनते हुए देखा तो उसके होस उड़ गए। क्योंकि मेघना असल में एक लड़का है। उसका असली नाम मेघनाद है। वह रिश्ते में सुजाता का दूर का भतीजा भी लगता है।

सुजाता ने दुल्हन के लड़का होने की बात आलोक और उसके चाचा को बताई। यह सुन उनकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। उन्हें समझ नहीं आया कि अब इस मेघना का क्या करें। फिर उन्होंने मेघना के परिवार वालों को अपने यहां बुलाया। वहीं जब ग्रामीणों को पता चला कि कोई युवक मेघना बनकर धोखा दे रहा है तो वह भड़क गए। उन्होंने उसके बाल कटे और उसे नंगा कर दिया। पुरुषों के कपड़े भी पहनाए।

ऐसा ग्रामीणों ने इसलिए किया ताकि वह दोबारा लड़की बन किसी युवक को धोखा न दे। बताया जा रहा है कि मेघनाद इसके पहले भी कई युवकों को इस तरह धोखा देकर उनके साथ ठगी कर चुका है। उधर इस बात की भनक लगते पुलिस भी आ गई। उन्होंने ग्रामीणों से मेघनाथ को छुड़ाया और उसके मां बाप को सौंप दिया।

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