अध्यात्म

सोमवार व्रत के दौरान भूलकर भी ना पहनें ऐसा वस्त्र, वरना होना पड़ेगा शिवजी के कोप का भागी

सनातन धर्म में सोमवार के दिन भगवान शिव के पूजा-अर्चना का विधान है, मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा से अगर शिवजी की आराधना की जाए तो भोले बाबा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं । ऐसे में सोमवार के दिन शिव पूजा के साथ कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। खासकर सुखद वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार का व्रत विशेष फलदायी होता है.. इसलिए बेहतर जीवनसाथी और वैवाहिक जीवन की सफलता के लिए कंवारी कन्याओं के लिए 16 सोमवार व्रत का विधान है। वैसे वैवाहिक जीवन के अलावा भी सोमवार का व्रत व्यक्ति के लिए हितकारी होता है और इसलिए बहुत से लोग सोमवार का व्रत रखते हैं। वैस तो शिवजी, भोले बाबा कहलाते हैं और मनुष्य की श्रद्धा और भक्ति से आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं, पर वहीं इनके पूजन के दौरान विशेष सावधानियों बरतनी चाहिए क्योंकि कुछ गलतियों से शिवजी नाराज भी हो सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ कार्यों के बारे बताने जा रहे हैं जिन्हे सोमवार व्रत और शिव पूजा के दौरान करने से बचना चाहिए।

ऐसे वस्त्रों को पहनने से बचें

शास्त्रों के अनुसार शिव पूजा के दौरान पहने जाने वाले वस्त्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है पर अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं.. जैसे कि शिव पूजा में हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, पर वहीं लोग इसका पालन नहीं करते और किसी भी रंग के वस्त्र पहन पूजा कर लेते हैं। पर आपको ज्ञात होना चाहिए कि सोमवार के दिन पूजा करते हुए काले कपड़े भूलकर भी नहीं पहननें चाहिए, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं की माने तो भगवान शिव को काला रंग पसंद नहीं है और काले रंग के वस्त्रों से वे क्रोधित हो जाते हैं, ऐसे में शिव पूजा के दौरान काले कपड़े पहनने से हमेशा बचें और कोशिश करे कि सोमवार को शिव पूजा में हरा, लाल, सफेद, केसरिया, पीला या आसमानी रंग के वस्त्र ही धारण करें।

वहीं रंगो के साथ ये भी ध्यान रहे कि पूजा के लिए साफ और सूती कपड़े ही पहनने चाहिए, क्योंकि ऐसे वस्त्र शुद्ध होने के साथ ही हल्के और आरामदायक होते हैं और पूजा में पूर्ण रूप से ध्यामग्न होने के लिए ऐसा होना आवश्यक हैं।

वहीं ये भी धार्मिक मान्यता है कि मंत्रोच्चार के दौरान पुरुषों को दो से अधिक वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए। यही वजह है कि पुरुषों के लिए पूजा के दौरान धोती पहनने का विधान है।

ऐसी चीजें भी न चढ़ाएं

मान्यता है कि शिवजी को सफेद रंग के फूल पसंद होते हैं, पर वहीं केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद शिवजी की पूजा में नहीं प्रयोग होता है.. वहीं भगवान शिव की पूजा में शंख से जल अर्पित करने का विधान भी नहीं , इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग भी वर्जित माना गया है। साथ ही शिव पूजा में तिल का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि मान्यता है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है, ऐसे में तिल भगवान विष्णु को तो अर्पित किया जाता है पर शिव जी को नहीं चढ़या जाता ।

ये चीजें भी नहीं पसंद भोलेनाथ को

शिवजी की पूजा में अगर आप चावल चढ़ाते हैं तो इस बात विशेष ध्यान रखें कि वे चावल खंडिच यानी टूटे हुए नहीं होने चाहिए।

वहीं शिव जी को आप नारियल तो चढ़ा सकते हैं, पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए।

आपको ज्ञात रहना चाहिए कि हल्दी और कुमकुम उत्पत्ति के प्रतीक माने गए हैं, ऐसे में इनका प्रयोग भी शिवजी के पूजन में नहीं होना चाहिए। साथ ही कभी भी बासी या मुरझाए हुए फूल भगवान शिव को न अर्पित करें क्योंकि इससे शिवजी क्रोधित हो सकते हैं और आपको उनके क्रोध का भागी बनना पड़ सकता है।

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