अन्य

कर्नाटक में सरकार बनाकर भी मुश्किल में है बीजेपी, 24 घंटे में छिन सकती है येदियुरप्प से कुर्सी

बुधवार को चले सियासी उठपाठक के बाद अब कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बन चुकी है,लेकिन अभी भी पार्टी की मुश्किले कम नहीं हुई है, सुप्रीम कोर्ट से बीएस येदियुरप्प के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद येदियुरप्पा ने गुरुवार की सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली,लेकिन राज्य में अभी भी जिस तरह के राजनीतिक समीकरण और परिस्थितियां है उससे सम्भव है कि येदियुरप्प को 24 घंटे के भीतर ही अपनी सीएम की कुर्सी को छोडनी पड़े।

दरअसल गुरुवार को तड़के सुबह सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में बीजेपी को बड़ी राहत देते हुए येदियुरप्पा की शपथ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने गुरुवार की सुबह राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, पर उसके बाद अभी भी कनार्टक में बीजेपी की सरकार में बने रहने की राह उतनी आसान नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी से उसके समर्थक विधायकों की लिस्ट भी मांगी है, साथ ही राज्यपाल को दिए गए समर्थन पत्र की भी मांग की है और इस मामले की सुनवाई शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे कोर्ट में होनी है, ऐसे में येदियुरप्पा के पास अपने समर्थक विधायकों की लिस्ट कोर्ट को सौपने के लिए 24 घंटे से भी कम समय बचा है।वहीं दूसरी तरफ सियासी सरगर्मी काफी बढ़ चुकी है और राज्य में विपक्षी पार्टियां कांग्रेस और जेडीएस भी मिलकर सरकार बनाने की गठजोड़ में लगी है।

कर्नाटक में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, पर बहुमत से 8 सीटें दूर

दरअसल कर्नाटक में कुल सीटें 224 हैं, जिसमें 2 सीटों पर मतदान बाकी है। ऐसे में फिलहाल बहुमत के लिए 112 सीटें जरूरी हैं। पर बीजेपी के सामने समस्या ये है कि उसके पास अपनी कुल 104 विधायक ही हैं जबकि सरकार बनाए रखने की स्थिति में उसे 112 विधायकों की लिस्ट कोर्ट में सम्मिलित करनी है। गौरतलब है कि कर्नाटक में 222 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को 38 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं। ऐसे में बीजेपी ही भले ही कर्नाटक की सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन पर अभी भी वो बहुमत से 8 सीटों से दूर है।

दूसरी तरफ बहुमत से भाजपा के 8 सीटें दूर रहने का फायदा कांग्रेस ने उठाया और उसने गोवा-मेघालय का सबक याद रखते हुए अपनी 78 सीटों के बावजूद उत्साह दिखाते हुए 38 सीटों वाले जनता दल सेक्युलर को समर्थन देने का का एलान कर दिया। ऐसे में बुधवार को जहां एक पहले बीजेपी ने राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने का अपना दावा पेश किया उसके 15 मिनट के अंदर ही कांग्रेस के सिद्धारमैया और जेडीएस के कुमारस्वामी ने राज्यपाल से मुलाकात  साथ में सरकार बनाने का अपना दावा पेश कर दिया, जिसके बाद पाला कर्नाटक के राज्यपाल के पास आया और बुधवार की शाम राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया। ऐसे में बीजेपी को सरकार बनाने से रोकने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था, जहां कांग्रेस ने मणिपुर और गोवा का हवाला देते हुए कहा कि बहुमत उनके पास है इसलिए सरकार बनाने का मौका उन्हें मिलना चाहिए।

आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

जिस पर बुधवार की आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई, आपको बता दे कि इस मामले की सुनवाई करने के लिए भारत के इतिहास में दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे आधी रात को खुले रहे। इससे पहले आतंकी याकूब मेमन की फांसी की सजा को लेकर 2015 आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। तीन घंटे चली इस बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के शपथ ग्रहण करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही बीजेपी के शपथ ग्रहण करने पर रोक लगाने से इंकार किया,उसके कुछ ही घंटो बाद गुरूवार की सुबह बीएस येदियुरप्पा को राजभवन में राज्यपाल वजूभाई वाला ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, राज्यपाल की तरफ से येदियुरप्पा को बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। पर वहीं कांग्रेस और जेडीएस की येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक वाली याचिका पर न्यायाधीश ए. के. सीकरी के नेतृत्व वाली पीठ ने येदियुरप्पा से जवाब मांगा है, जिसकी अगली सुनवाई शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे होगी।

ऐसे में अगर आज कोर्ट में बीजेपी अपने 112 विधायकों की लिस्ट नहीं सौंप पाती है तो उसके लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है। गौरतलब है कि बीजेपी को अभी 8 विधायकों का समर्थन हासिल करना है जो कि मौजूदा समय में काफी मुश्किल नजर आ रहा है।

निर्दलीय विधायक आर शंकर, कांग्रेस-जेडीएस कैंप में लौटे, कल दी थी BJP को समर्थन

वही बीजेपी की मुश्किल निर्दलीय विधायक आर शंकर ने और बढ़ा दी है जो कल तक बीजेपी को समर्थन देने की बात कर रहे थें पर आज कांग्रेस-जेडीएस कैंप में लौट आए हैं । दरअसल कल बीजेपी की तरप से दावा किया था कि आर शंकर ने बीजेपी को समर्थन की चिट्ठी दी है और साथ ही दूसरे निर्दलीय विधायक एच नागेश भी इनके साथ हैं। पर वहीं आज स्थिति तब साफ हो गई जब बीजेपी के सरकार बनाने के फैसले के विरोध में कांग्रेस और जेडीएस के धरने में निर्दलीय विधायक आर शंकर शामील हुए हैं। ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि कनार्टक में बीजेपी सरकार इन मुश्किल हालातों से निकल पाएगी या नहीं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button