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पिछले 122 सालों से बिना एक बार भी बीमार हुए जीवित हैं शिवानंद बाबा, जानें इसके पीछे का राज

नई दिल्ली: यह अटल सत्य है कि जो भी इस पृथ्वी पर पैदा हुआ है, उसे एक ना एक दिन यहाँ से जाना ही है। कोई भी मनुष्य हमेशा के लिए जीवित नहीं रह सकता है। यहाँ तक की देवताओं को भी मृत्यु प्राप्त होती है। केवल वही अमर रह सकता है, जिसे अमरता का वरदान मिला हो, लेकिन आज के समय में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जिसे अमरता का वरदान मिला हो। आज के समय में मरने के बाद भी वही व्यक्ति जीवित रहता है, जिसने अच्छे कर्म किए हों। ऐसे लोग लोगों की यादों में हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं।

कुछ हिंदू देवताओं के बारे में कहा जाता है कि वह आज भी जीवित हैं। हालाँकि आजतक किसी ने उन्हें देखा नहीं है। इन्ही में से एक हैं हनुमान जी। लेकिन आज हम यहाँ हनुमान जी की बात नहीं कर रहे हैं। आज हम यहाँ आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकार यक़ीनन आपके होश उड़ जाएँगे। हालाँकि हम जिसके बारे में बताने जा रहे हैं, वह अमर व्यक्ति नहीं है, लेकिन इन्हें देखकर ऐसा लगता है, जैसे इन्हें सच में अमरता का वरदान ह मिला हो।

देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है कामाख्या देवी:

दरअसल गुवाहाटी स्थित कामाख्या मंदिर में 22 जून से अंबुबाची मेले का आयोजन शुरू हुआ था। इस मेले का समापन 27 जून को हुआ था। इस मेले में भाग लेने के लिए देश के कोने-कोने से लोग पहुँचे हुए थे। 800 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित देवी के इस मंदिर की अपनी ही ख़ासियत है। कामाख्या देवी का यह मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है। हर साल यहाँ मेले का आयोजन किया जाता है। वाराणसी के एक संत भी इस मेले में भाग लेने के लिए पहुँचे हुए थे। इन्हें शिवानंद बाबा के नाम से जाना जाता है।

विश्व के इकलौते ऐसे व्यक्ति हैं जो इस उम्र में भी हैं जीवित:

आपको जानकार हैरानी होगी कि शिवानंद बाबा अपनी उम्र 122 साल बताते हैं। बाबा ख़ुद से यह दावा करते हैं कि वह पूरी दुनिया में इकलौते ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी उम्र 122 साल है और वह अभी तक जीवित हैं। मेले में बाबा को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी लग गयी थी। मीडिया के अनुसार बाबा के पास जो दस्तावेज़ हैं, उनसे उनकी उम्र की पुष्टि होती है। बाबा के पासपोर्ट और आधारकार्ड में उनकी जन्मतिथि 8 अगस्त 1898 दर्ज है। शिवानंद बाबा वाराणसी के संत कबीर नगर में एक आश्रम चलाते हैं। बाबा के भक्त देशभर में फैले हुए हैं। बाबा ने अपनी लम्बी उम्र और स्वस्थ्य जीवन का राज भी लोगों को बताया।

जीवन में कभी नहीं हुए बीमार:

शिवानंद बाबा का कहना है कि उनकी इच्छाएँ बहुत कम हैं, वह अपना जीवन अनुशासित तरह से जीते हैं। बाबा का सबसे हैरान करने वाला दावा यह है कि वो जीवन में कभी भी बीमार नहीं हुए हैं। बाबा के अनुसार वह साधारण भोजन ग्रहण करते हैं, वह दिन में दो बार खाना खाते हैं। वह खाने में दो रोटी और उबली हुई सब्ज़ी का सेवन करते हैं। बाबा तेल और मसाले में बनी सब्ज़ी नहीं खाते हैं। जीवन जीने के इसी तरीक़े की वजह से वह आज तक कभी बीमार नहीं पड़े। इच्छाएँ कम होने की वजह से वह तनाव से भी बचे हुए हैं।

जानकारी के अनुसार शिवानंद बाबा अविवाहित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। हर सुबह भोर में उठकर वह दो घंटे ध्यान लगाते हैं और उसके बाद आधा घंटा योग करते हैं। इस समय बाबा लोगों के लिए कौतुहल का विषय बने हुए हैं। शिवानंद बाबा 122 साल का होते हुए भी आसानी से शीर्षासन कर लेते हैं। हालाँकि उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें थोड़ा काम सुनाई देता है, लेकिन आज भी वह बिलकुल स्वस्थ्य हैं। बाबा की जीवनशैली ही उन्हें इस उम्र में भी स्वस्थ्य रखे हुए है।

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