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लोहे की कढ़ाही में भूलकर भी न पकाएं ये चीजें, लाभ की जगह होगा नुकसान

किचन में खाना बनाने के लिए कई तरह के बर्तन मौजूद रहते हैं। कइयों के घर लोहे की कढ़ाही भी रहती है। आमतौर पर इसमें भोजन पकाना हेल्थी माना जाता है। कई महिलाएं आयरन की कमी दूर करने के लिए इसमें खाना पकाती हैं। लेकिन सच तो ये है कि आप लोहे की कढ़ाही में क्या चीज पका रहे हैं ये ज्यादा मायने रखती है। इसमें कुछ खास खाद्य पदार्थों को पकाना नुकसानदायक होता है।

ये चीजें लोहे की कढ़ाही में न पकाएं

1. मछली: फिश ऑयली और चिपचिपी होती है। इसलिए यदि इसे लोहे की कढ़ाही में पकाते हैं तो वह इसमें चिपक जाती है। फिर इसे ज्यादा पकाने पर कढ़ाही जल जाती है। इसका स्वाद भी बदल जाता है। इसे बाद में साफ करने में बाद में परेशानी आती है।

2. अंडा: कई लोग लोहे के पैन में ऑमलेट बनाना पसंद करते हैं। लेकिन इसे बनाने के लिए ये बर्तन सही नहीं होता है। इसमें अंडा ज्यादा चिपक जाता है। यह जल भी सकता है। वहीं इस ऑमलेट को पलटने के लिए अधिक स्क्रेच भी करना होता है। इससे बर्तन और ऑमलेट दोनों खराब हो जाते हैं।

3. पास्ता: लोहे की कढ़ाही में पास्ता बनाने की भूल भी मत करना। ये भी बड़ा चिपचिपा होता है। यदि इसे लोहे के बर्तन में बनाया तो ये हद से ज्यादा इसमें चिपक जाएगा। कुछ देर बाद यह जल जाएगा। फिर आपका बर्तन और पास्ता दोनों ही खराब हो जाएगा।

4. एसिडिक फूड्स: लोहे के बर्तन में एसिडिक फूड्स जैसे नींबू, टमाटर और सिरके वाली डिश नहीं बनाना चाहिए। इससे व्यंजन में धातु का स्वाद उतर जाता है। यह न सिर्फ टैस्ट खराब करता है बल्कि आपकी सेहट को नुकसान भी पहुंचाता है।

5. मीठे पकवान: लोहे के बर्तनों में मिठाई या कोई भी मीठा पकवान नहीं बनाना चाहिए। दरअसल लोहे में जब कुछ पकाया जाता है तो उसके अंदर उसकी स्मेल रह जाती है। मीठी चीजों में यदि यह स्मेल या अजीब सा टैस्ट रह जाए तो वह खाने में बकवास लगता है। साथ ही इससे बर्तनन भी खराब होते हैं।

6. चावल: चावल को भी लोहे के बर्तन में पकाने से परहेज करना चाहिए। यह बेहद चिपचिपा होता है। इससे यह इसमें जल्दी जल जाता है। इस चीज से चावल का स्वाद बिगड़ जाता है। वहीं ये बर्तन से आसानी से निकलता भी नहीं है।

ये चीजें लोहे की कढ़ाही में बना सकते हैं

लोहे की कढ़ाई में पालक, बीन्स, शिमला मिर्च, कटहल, आलू गोभी जैसी सब्जियों को पकाना लाभकारी होता है। खासकर इसमें साग को पकाने से सेहट से जुड़े लाभ होते हैं। यह साग में मौजूद पोषक तत्व को दोगुना कर देता है।

इसके अलावा चिकन को लोहे के बर्तन में बनाने से न सिर्फ इसका स्वाद बढ़त है बल्कि पोषक तत्व भी बढ़ जाते हैं। लोहे की कड़ाही में पहले ही गर्मी होती है, इस कारण चिकन पकाने में ज्यादा तेल भी नहीं लगता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि लोहे की कढ़ाही में जंग न लगे। वरना ये लाभ की जगह नुकसान करेगी।

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