अध्यात्म

पवित्र गीता की सबसे महत्वपूर्ण 5 बातें, जब बहुत हो जाएं परेशान तो आपके दुख कर देंगी दूर, जानिए

आप सभी लोगों ने यह बात कही तो जरूर पढ़ा होगा या फिर अपने बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि जब जब धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ़ता है तब-तब भगवान श्री कृष्ण जी हर युग में अपना एक नया अवतार धारण करते हैं जिससे भगवान श्री कृष्ण अधर्म का नाश करें और धर्म की रक्षा कर पाए ऐसा माना जाता है कि हमारे भागवत गीता में जीवन की हर बात बताई गई है इस पवित्र गीता में भगवान श्री कृष्ण जी ने स्वयं अर्जुन को यह उपदेश दिए थे कि वह महाभारत का युद्ध किस प्रकार लड़ पाए जिससे उसको जीत हासिल हो इसीलिए कहा जाता है कि अगर व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता हासिल करनी है तो उसको भगवत गीता पढ़नी जरूरी है भगवत गीता में ऐसी बहुत सी महत्वपूर्ण बातें बताई गई है जो मनुष्य को सफलता के मार्ग पर ले जाती है आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पवित्र गीता में बताई गई कुछ ऐसी बातों को बताने वाले हैं जब आप जरूरत से ज्यादा परेशान हो जाए तो इन बातों पर अवश्य गौर कीजिए आपकी परेशानी अवश्य कम हो जाएगी।

आइए जानते हैं पवित्र गीता में बताई गई इन महत्वपूर्ण बातों के बारे में

  • भगवत गीता में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मानव का शरीर मात्र एक कपड़े के टुकड़े के समान है इस स्थान पर यह दर्शाया गया है कि जिस प्रकार मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर नए वस्त्र धारण करता है ठीक उसी प्रकार आत्मा भी पुराने शरीर को त्याग कर एक नए शरीर में प्रवेश लेती है इसका अर्थ यह है कि मानव शरीर की आत्मा अस्थाई वस्त्र है यानी हमेशा मनुष्य की पहचान उसके शरीर से नहीं बल्कि उसके मन और उसकी आत्मा से करना चाहिए।
  • भगवत गीता में इस बात का उल्लेख किया गया है कि क्रोध एक सामान्य भावना है जो हर किसी मनुष्य के अंदर रहता है यह कहीं ना कहीं मनुष्य के अंदर एक भ्रम उत्पन्न करता है जिसकी वजह से मनुष्य को अच्छे और बुरे की पहचान नहीं होती है इसलिए मनुष्य को क्रोध का मार्ग छोड़ देना चाहिए और शांति का मार्ग अपनाना चाहिए।

  • आप सभी लोगों को तो इस बात की जानकारी होगी कि किसी भी चीज को जरुरत से अधिक चाहना नुकसानदायक साबित हो सकता है पवित्र गीता में इस बात को बताया गया है कि व्यक्ति को रिश्ते की मिठास या उनकी कड़वाहट या खुशी हो या गम हर परिस्थिति में अपने जीवन का संतुलन बना कर रखना चाहिए अन्यथा मनुष्य को कष्ट झेलना पड़ सकता है।
  • पवित्र गीता में इस बात का उल्लेख मिलता है कि अगर मनुष्य को अपने जीवन में सफलता हासिल करनी है तो उसको अपने स्वार्थ का त्याग करना पड़ेगा क्योंकि स्वार्थी व्यक्ति अपने स्वभाव की वजह से अन्य लोगों को अपने से बिल्कुल दूर कर देता है अगर आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं और अपना जीवन खुशहाल बनाना चाहते हैं तो बिना किसी स्वार्थ के अपने कार्य कीजिए।
  • पवित्र गीता में एक बहुत ही जरूरी बात बताई गई है कि कभी भी मनुष्य को अपने कर्मो को पूर्ण करने से पीछे नहीं हटना चाहिए व्यक्ति को यह बात हमेशा सिखाई जाती है कि उसको अपने कर्म करते रहना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए कर्मों के अनुसार ही फल की प्राप्ति होती है।

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