अध्यात्म

महर्षि वाल्मीकि के ये अनमोल वचन, बदल देंगे आपका जीवन, जीवन में कभी नहीं होंगे निराश

ऐसा कहा जाता है कि सुख-दुख व्यक्ति के जीवन का साथी होता है क्योंकि इस संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसके जीवन में हमेशा सुख बना रहे और ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसके जीवन में हमेशा दुख रहे, अगर व्यक्ति के जीवन में सुख है तो उसको अपने जीवन में दुख भी प्राप्त होगा, अगर व्यक्ति के जीवन में दुख है तो उसको सुख की भी प्राप्ति होगी, यह सभी समय के अनुसार व्यक्ति के जीवन में आते जाते रहते हैं, जब व्यक्ति के जीवन में खुशियां होती हैं तो उसको किसी भी बात की चिंता नहीं रहती और अपना जीवन आनंददायक व्यतीत करता है परंतु जब व्यक्ति के जीवन में दुख आता है तो वह विचलित हो उठता है और अपने दुख से बाहर निकलने की हर संभव कोशिश में लगा रहता है परंतु बुरे समय में कभी भी व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए बल्कि बुरी परिस्थिति का डटकर सामना करना चाहिए इससे व्यक्ति का आने वाला कल बेहतर बनेगा।

अगर व्यक्ति अपने बुरे समय को लेकर हताश हो जाएगा तो उसको आने वाले समय में और भी बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको महर्षि वाल्मीकि के कुछ अनमोल वचनों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत में रामायण की रचना की थी, यह रामायण के एक महाकाव्य है, अगर आप इनके द्वारा बताए गए अनमोल वचनों पर ध्यान देते हैं तो इससे आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर होंगी और आपको अपना जीवन जीने का मार्ग हासिल होगा, महर्षि वाल्मीकि के यह वचन आपके लिए प्रेरणादायक साबित होंगे।

आइए जानते हैं महर्षि वाल्मीकि के इन अनमोल वचनों के बारे में

  • महर्षि वाल्मीकि जी का कहना है कि व्यक्ति को कभी भी अपने बीते हुए कल को लेकर पछतावा नहीं करना चाहिए और ना ही आने वाले कल के बारे में चिंता करनी चाहिए, जो व्यक्ति विवेकवान होता है वह हमेशा वर्तमान में ही अपना जीवन व्यतीत करता है।

  • अगर व्यक्ति अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है परंतु वह किसी कार्य में असफल हो जाता है तो उसको अफसोस नहीं करना चाहिए, परंतु बिना मेहनत के अगर कोई कार्य में सफलता हासिल नहीं होती है तो इसका व्यक्ति को जरूर अफसोस करना चाहिए।
  • महर्षि वाल्मीकि जी का कहना है कि व्यक्ति को समाज में अपना मान-सम्मान बनाने में कई साल लग जाते हैं परंतु मान-सम्मान की हानि होने में 5 मिनट भी नहीं लगते हैं, अगर व्यक्ति अपने मान सम्मान के बारे में सोचेगा तो वह अपने जीवन में सभी चीजें बेहतर तरीके से करेगा।
  • एक बहुत ही अच्छी बात बताते हुए महर्षि वाल्मीकि जी ने कहा है कि अगर किसी मनुष्य की इच्छा शक्ति मजबूत है तो वह बड़े से बड़े कार्य को भी बहुत ही सरलता से कर सकता है, मजबूत इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के बलबूते पर एक निर्धन व्यक्ति भी राजा बन सकता है।
  • महर्षि वाल्मीकि जी की यह बात आपको अपने जीवन में जरूर लागू करनी चाहिए इनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति को किसी से जरूरत से ज्यादा लगाव नहीं रखना चाहिए और ना ही किसी को अपने से दूर रखना चाहिए, हमेशा व्यक्ति को संतुलन बना कर रखना चाहिए।

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