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‘अनारकली हैंडपंप’ हैं लखनऊ में बड़ा फेमस, जानिए कैसे पड़ा इसका ये नाम

दुनियां में कई साड़ी प्रेम कहानियां मशहूर हैं, जिनमे से सलीम और अनारकली की स्टोरी भी एक हैं. वैसे आप लोगो ने भी ‘मुगल-ए-आजम’ फिल्म तो देखी ही होगी. यदि नहीं भी देखी तो चलिए हम आपको शार्ट में समझा देते हैं. इस फिल्म में सलीम और अनारकली एक दुसरे से बहुत मोहब्बत करते हैं लेकिन ये बात शेखू के पिता अकबर को रास नहीं आती हैं. ऐसे में वे उसके प्यार यानी कि अनारकली को दीवारों में चुनवा देते हैं. बस तभी से सलीम और अनारकली फेमस हो गए थे. इस फिल्म के बाद से ही कई प्रेमी जोड़े भी अपने प्यार की मिसालें सलीम अनारकली की तरह देने लगे थे. ऐसे में आज हम आपको एक और अनारकली के बारे में बताने जा रहे हैं. दिलचस्प बात ये हैं कि यह अनारकली कोई महिला नहीं बल्कि एक हैंडपंप हैं. जी हाँ आप ने सही पढ़ा. एक हैंडपंप का नाम ही अनारकली हैं.

अनारकली हैंडपंप

अब आप सोच रहे होंगे कि भला हैंडपंप को अनारकली कह कर कायं बुलाता हैं? और यदि एसा होता भी हैं तो इसके पीछे की वजह क्या हैं? तो चलिए हम इस राज से भी पर्दा उठाए देते हैं. दरअसल हम जिस अनारकली हैंडपंप की बात कर रहे हैं वो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थिति हैं. यहाँ के पॉलिटेक्निक चौराहा के नजदीक ‘आवास और विकास बोर्ड परिसर’ की बाउंडरी पर बना एक हैंडपंप अनारकली नाम से जाना जाता हैं. इसकी वजह ये हैं कि अनारकली की तरह इस हैंडपंप को भी दीवारों में चुनवा दिया गया था. अब आप बोलोगे कि हैंडपंप को दिवार में कोई क्यों चुनवाएगा? दरअसल इसे जानबूझकर नहीं बल्कि गलती से दिवार में दबा दिया गया था.

हुआ ये था कि ‘आवास और विकास बोर्ड परिसर’ की बाउंडरी निर्माण का कार्य चल रहा हैं. ऐसे में जब इसके लिए दीवारे खड़ी करने का कार्य आरम्भ हुआ तो मजदूरों ने इस हैंडपंप को देखा ही नहीं और इसे दिवार में ही दबा डाला. अब ये हैंडपंप आधा दिवार में दबा हुआ हैं तो आधा बाहर की ओर दिखाई देता हैं. दिवार में दब जाने के कारण लोग इससे अब पानी भी नहीं निकाल पाते हैं. ऐसे में हम कह सकते हैं कि हैंडपंप की मृत्यु हो चुकी हैं. ठीक वैसे ही जैसे अनारकली की दिवार में चुन जाने के बाद हुई थी. बस यही वजह हैं कि इसे यहां के लोग ‘अनारकली हैंडपंप’ कहने लगे. इस तरह ये पुरे लखनऊ में इसी नाम से फेमस हो गया.

एक हैंडपंप के अनारकली के नाम से जानना बड़ी ही अजीब बात हैं. लेकिन ये भारत हैं जहाँ लोग बड़े क्रिएटिव होते हैं. किसी भी चीज का नाम रखने में देरी नही करते हैं. बरहाल दुसरे हैंडपंपो की बात करे तो गर्मी के मौसम में उनकी हालात भी बड़ी खराब थी लेकिन अब मानसून दस्तक दे चुका हैं ऐसे में उन्हें भी थोड़ी राहत मिल रही हैं. वैसे भी आज के जमाने में हैंडपंप का चलन अब धीरे धीरे ख़त्म हो चला जा रहा हैं ऐसे में ये हैंडपंप तो अनारकली के रूप में एक एतिहासिक धरोहर की तारः संरक्षित हो गया.

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