अध्यात्म

रामायण से संबंधित यह जगह आज भी है मौजूद, आप खुद घूमकर देख सकते हैं सबूत

प्राचीन काल से संबंधित ऐसी बहुत सी जगह है जो कलयुग में भी मौजूद है भारत देश का इतिहास काफी समृद्ध और प्राचीन रहा है परंतु वर्तमान समय में सबूतों के अभाव में ज्यादातर लोग रामायण और महाभारत में उल्लेख घटनाओं को सिर्फ कल्पना ही मानते हैं इसके अलावा भी समय-समय पर इन धार्मिक कथाओं की सत्यता का प्रमाण भी दिया जाता है अयोध्या नगरी में स्थित श्री राम जी की जन्म भूमि सहित ऐसे बहुत से स्थान आज भी हमारे देश में मौजूद है जिन स्थानों का पूरा विवरण रामायण में देखने को मिलता है अगर इन स्थानों का विश्लेषण किया जाए तो उसके बाद आप लोगों के मन में रामायण काल में घटित घटनाओं को लेकर बहुत से सवाल आने लगेंगे जिनका सही सही जवाब मिल पाना लगभग नामुमकिन सा होता है यदि रामायण और महाभारत में उल्लेख घटनाओं में थोड़ी भी सच्चाई है तो यह हमारे सोचने के तरीके और आने वाले भविष्य को पूरी तरह बदल सकते हैं इन्हीं सब वजह से लोग अक्सर अपने मन में आए इन सवालों का जवाब ढूंढते रहते हैं आज हम आपको इस लेख के माध्यम से वर्तमान समय में मौजूद उन स्थानों के विषय में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं जिनका सीधा संबंध रामायण काल से है।

हनुमानगढ़ी उत्तर प्रदेश

पुराणों में उत्तर प्रदेश में स्थित हनुमानगढ़ी का उल्लेख मिलता है कथाओं के मुताबिक इस स्थान पर महाबली हनुमान जी ने भगवान श्री राम जी की प्रतीक्षा की थी।

राम सेतु तमिलनाडु

अगर रामायण की सच्चाई का प्रमाण दिया जाए तो सबूत के रूप में भारत और श्रीलंका को जोड़ते हुए राम सेतु का उल्लेख किया जा सकता है तमिलनाडु में मौजूद रामेश्वर नामक स्थान पर भगवान श्री राम जी ने तैरते हुए पथरो का प्रयोग किया था जिसकी सहायता से लंका तक का पुल बनाया था इसी पुल के माध्यम से सारी वानर सेना लंका तक पहुंची थी अगर आप अंतरिक्ष से खींची हुई तस्वीरों को देखेंगे तो राम सेतु नजर आने की बात की जाती है आज भी इन स्थानों पर पानी में तैरते हुए पत्थर नजर आते हैं।

अशोक वाटिका श्रीलंका

अगर आपको रामायण की कहानी याद होगी तो आप यह जरूर जानते होंगे जब रावण ने सीता माता का हरण किया था तो उनको अशोक वाटिका में ही रखा था जहां पर माता सीता रहती थी वह अशोक वाटिका आज भी सीता अम्मन मंदिर मौजूद है।

पंचवटी महाराष्ट्र

रामायण में पंचवटी का उल्लेख मिलता है यह स्थान महाराष्ट्र के नासिक शहर के समीप पंचवटी तपोवन आज भी मौजूद है रामायण के मुताबिक भगवान श्री राम जी ने अपने वनवास के पूरे 14 वर्ष के दौरान एक लंबा समय इसी स्थान पर व्यतीत किया था ऐसा बताया जाता है कि लक्ष्मण जी ने इसी स्थान पर सूर्पनखा की नाक काट दी थी।

लेपाक्षी मंदिर आंध्र प्रदेश

शायद आप लोगों को याद होगा कि रामायण में जब रावण ने सीता माता का हरण किया था तो उस समय जटायु ने आसमान में रावण से युद्ध किया था उस युद्ध में जटायु की जान चली गई थी रामायण के मुताबिक घायल अवस्था में जटायु इसी स्थान पर जमीन पर आकर गिरा था और इसी स्थान पर जटायु ने अपनी अंतिम सांस ली थी आंध्र प्रदेश में स्थित यह स्थान आज भी लेपाक्षी मंदिर मौजूद है।

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