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फादर्स डे पर दिवंगत पिता को याद कर भावुक हुए आनंद महिंद्रा, बोले ‘उन्हें लेने जाना चाहता हूं’

दुनियाभर में आज यानी कि 19 जून को पितृ दिवस (फादर्स डे 2022) मनाया जा रहा है. पिता को समर्पित यह दिन हर किसी के लिए बेहद ख़ास होता है. आम लोगों से लेकर देश की मशहूर हस्तियां तक पितृ दिवस मना रही है. बॉलीवुड सेलेब्स भी सोशल मीडिया पर अपने पिता के साथ तस्वीरें साझा कर रहे हैं.

इसी बीच देश के जाने माने उद्योगपति और महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) के प्रमुख आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा की है. उन्होंने अपने पिता को याद किया है और इस ख़ास अवसर पर आनंद महिंद्रा भावुक हो गए.

anand mahindra

बता दें कि आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय पाए जाते हैं. वे अक्सर सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ पोस्ट साझा करते रहते हैं. कभी वे कोई तस्वीर साझा करते है तो कभी कोई वीडियो साझा करते हैं. हालांकि इस बार उन्होंने एक तस्वीर अपने पिता के साथ साझा की है.

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ट्विटर पर आनंद महिंद्रा ने पिता के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की है और अपने ट्वीट में लिखा है कि, ”एक बच्चे के रूप में, मेरे पिता को विदा करने या व्यावसायिक यात्राओं से लौटने पर उनका अभिवादन करने के लिए हवाई अड्डे पर जाने की अनुमति देना हमेशा विशेष था. #फादर्सडे पर मैं उनके बारे में सोचता हूं और काश मैं उनका फिर से स्वागत करने के लिए फिर से एयरपोर्ट जा पाता”.

पिता से जुड़े पत्र किए थे शेयर…

बता दें कि 67 वर्षीय आनंद महिंद्रा के पिता का नाम हरीश महिंद्रा था. हरीश महिंद्रा का साल 1999 में 4 दिसंबर को निधन हो गया था. अपने पिता को अक्सर आनंद याद करते रहते हैं. वे पता से जुडी पोस्ट भी करते रहते हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने दिवंगत पिता हरीश महिंद्रा को याद करते हुए कुछ पत्र सोशल मीडिया पर साझा किए थे.

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हरीश महिंद्रा ने एडमिशन के लिए लिखीं थीं चिट्ठियां…

आनंद महिंद्रा ने जो पत्र साझा किए थे दरअसल वे उनके पिता द्वारा लिखी गई चिट्ठियां थीं. बता दें कि हरीश महिंद्रा ने साल 1945 में फ्लेचर स्कूल (Anand Mahindra Father Studied at Fletcher School) में अपने एडमिशन के लिए चिट्ठियां लिखीं थीं. इन्हें बीते दिनों आनंद ने सभी को दिखाया था.

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गौरतलब है कि आनंद महिंद्रा के पोता हरीश महिंद्रा फ्लेचर स्कूल से ग्रेजुएट होने वाले पहले भारतीय बने थे. आनंद को पिता की ये चिट्ठियां फ्लेचर स्कूल में उनके Class Day Address के दौरान दी गई थी.

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हरीश महिंद्रा ने चिट्ठी में लिखी थी दिल की बात…

पत्र में हरीश महिंद्रा ने लिखा था कि, मैंने अपने प्रोफेशनल लक्ष्यों के लिए विदेश सेवा का चयन किया है, क्योंकि मेरे देश को अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकारी रखने वाले लोगों की बहुत जरूरत है. अभी भारत की कोई अपनी विदेश नीति नहीं है. इस युद्ध (द्वितीय विश्व युद्ध) के बाद अगर भारत को डोमिनियन स्टेटस या पूर्ण स्वतंत्रता मिलती है, तो उसे विदेश नीति में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत पड़ेगी ताकि वह दुनिया के अन्य देशों के साथ दोस्ताना और आर्थिक संबंध स्थापित कर सके.

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