अध्यात्म

क्या आप जानते हैं कैसे हुई थी माता दुर्गा की उत्पत्ति? जानिए इसके बारे में

दुनिया भर में माता दुर्गा को काली पार्वती गौरी आदि शक्ति भवानी और जगदंबा जैसे कई नामों से पूजा जाता है माता दुर्गा शक्ति का प्रतीक मानी गई है नवरात्रि के पवित्र दिनों में माता दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों को पूजा जाता है प्राचीन काल से ही देवी माता के पूजन की परंपरा चली आ रही है परंतु आपने कभी इस बारे में विचार किया है कि आखिर माता दुर्गा की उत्पत्ति किस प्रकार हुई थी? अगर हम प्रचलित कथाओं के अनुसार देखें तो माता दुर्गा की उत्पत्ति राक्षसों के वध के लिए हुई थी, ऐसा कहा जाता है कि महिषासुर नाम का राक्षस जो बहुत ही शक्तिशाली राक्षस था और यह अपनी इच्छा अनुसार भैंस और इंसान का रूप धारण कर लेता था इस राक्षस ने एक बार कठोर तपस्या करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया था फिर ब्रह्मा जी ने उससे अपनी मनोकामना मांगने के लिए कहा था, महिषासुर बहुत चालाक राक्षस था उसने ब्रह्मा जी से वरदान में अमर होने का वरदान मांग लिया था परंतु जब महिषासुर ने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मांगा तो ब्रह्मा जी ने उसे कहा जो इस संसार में जन्म लेता है उसका मरना निश्चित है।

ब्रह्मा जी ने जब महिषासुर से ऐसा कहा तो यह राक्षस काफी सोच विचार करने लगा तब उसने काफी सोच विचार करने के बाद ब्रह्मा जी से कहा कि आप मुझे यह आशीर्वाद दीजिए कि देवता, असुर और मानव कोई भी मेरा वध ना कर पाए किसी महिला के हाथ से ही मेरी मृत्यु हो सके, तब ब्रह्मा जी ने उसको यह वरदान दे दिया था, जब महिषासुर को ब्रह्मा जी से यह वरदान मिल गया तो उसको लगने लगा कि वह अमर हो गया है, महिषासुर को ब्रह्मा जी द्वारा दिए गए इस वरदान की वजह से अहंकार हो गया था और उसने तीनों लोकों में अपना आतंक मचाना आरंभ कर दिया उसने देवताओं के इंद्रलोक पर भी आक्रमण कर दिया था।

सभी देवता महिषासुर से काफी परेशान हो गए थे महिषासुर का आतंक दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा था जिससे परेशान होकर सभी देवता ब्रह्मा जी के पास गए तब सबने मिलकर देवी दुर्गा की रचना की थी देवी दुर्गा को हर भगवान और देवता ने कुछ ना कुछ शक्तियां दी थी, भगवान भोलेनाथ ने त्रिशूल, भगवान विष्णु जी ने चक्र, भगवान वायु देव जी ने तीर, इसी तरह से सभी देवताओं ने कुछ ना कुछ शक्तियां देवी दुर्गा को दी थी, देवी दुर्गा ने महिषासुर के आतंक का नाश करने के लिए पूरे 9 दिनों तक उससे युद्ध किया था 9वे दिन देवी माता ने महिषासुर का वध कर दिया था तभी से नवरात्रि के 9 दिन मनाए जाते हैं।

माता दुर्गा की उत्पत्ति महिषासुर के वध के लिए हुआ था यह असुरों के लिए काल है परंतु माता का यह रूप बहुत ही स्नेही और ममतामई है आप सभी लोगों ने देवी माता के इस रूप को तस्वीर या मूर्तियों में देखा होगा देवी माता को बुराई का नाश करने वाली शक्ति माना जाता है यह अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है और अपने भक्तों के आसपास मौजूद सभी बुरी शक्तियों का नाश करती है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button