अध्यात्म

भगवान गणेश जी के इन मंदिरों में आज भी देखने को मिलता है इनका चमत्कार, कोई नहीं लौटा खाली हाथ

हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना जाता है यदि कोई भी शुभ कार्य आरंभ किया जाता है तो सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती है उसके बाद ही शुभ कार्य का आरंभ होता है ऐसे बहुत से स्थान हैं जहां पर भगवान गणेश जी के प्रति लोगों की दीवानगी देखने को मिलती है खासतौर से गणपति महोत्सव में पूरा देश गणपति के रंग में रंग जाता है हालांकि हमारे भारत देश में भगवान गणेश जी के ऐसे बहुत से मशहूर मंदिर मौजूद है जिन मंदिरों में हर वर्ष लाखों की संख्या में देश-विदेश से लोग यहां पर दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं भगवान गणेश जी से मांगते हैं और इन मंदिरों के विषय में कई रोचक और अद्भुत कहानियां भी काफी प्रचलित है।

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भगवान गणेश जी के ऐसे कुछ मंदिरों के विषय में जानकारी देने वाले हैं जो बहुत ही चमत्कारिक है और यह अपने चमत्कार के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है आज के समय में भी भगवान गणेश जी इन मंदिरों में अपना चमत्कार दिखाते हैं।

आइए जानते हैं भगवान गणेश जी के इन चमत्कारिक मंदिरों के बारे में

कनिपक्कम गणेश मंदिर, आंध्रप्रदेश

प्रथम पूजनीय भगवान गणेश जी का यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर में स्थित है इस मंदिर के विषय में ऐसा कहा जाता है कि यहां पर भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा का आकार हर रोज बढ़ता जाता है इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि गणेश जी की पेट और मूर्ति का आकार लगातार बढ़ रहा है इस मूर्ति का आकार बढ़ने की वजह से गणपति का कवच भी छोटा हो गया है अब उन्हें वह कवच भी नहीं आता है जो वह पहले आराम से आ जाता था भगवान गणेश जी के इस अद्भुत चमत्कार को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।

उच्ची पिल्लयार मंदिर, तमिलनाडु

गणेश जी का यह चमत्कारिक मंदिर एक चट्टान पर मौजूद है इस मंदिर के विषय में एक कथा भी काफी प्रचलित है ऐसा कहा जाता है कि इस पहाड़ी पर रावण के भाई विभीषण ने क्रोध में आकर भगवान गणेश जी पर वार कर दिया था परंतु जब विभीषण का क्रोध शांत हुआ और उनको अपनी गलती का एहसास हुआ तो बाद में उन्होंने गणेश जी से माफी मांग ली थी परंतु इस वार के कारण गणपति जी को चोट लग गई थी इस घटना के पश्चात भगवान गणेश जी इस पहाड़ी पर उच्ची पिल्लयार के रूप में विराजमान है और जो विभीषण के द्वारा वार किया गया था उस वार का निशान आज भी उनके सर पर मौजूद है ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर साक्षात गणेश जी विराजमान है ऐसी स्थिति में जो कोई भक्त अपनी मन्नत मांगता है उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है।

रणथंभोर गणेश मंदिर, राजस्थान

भगवान गणेश जी का यह मंदिर राजस्थान में काफी मशहूर मंदिरों में से एक है यह मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर रणथंभोर के किले में मौजूद है इसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले इस मंदिर में निमंत्रण भेजा जाए तो आरंभ किया गया कार्य सफल होता है उस कार्य में किसी भी प्रकार का विघ्न नहीं आता है अगर आप स्वयं निमंत्रण देने नहीं जा सकते तो गणेश जी का पता लिखकर उनको पत्र भेज सकते हैं इस स्थान पर जो पत्र भेजा जाता है उन सभी पत्रों को पुजारी द्वारा भगवान गणेश जी के चरणों में अर्पित किया जाता है।

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