अध्यात्म

यूं ही दूल्हा-दुल्हन को नहीं लगती हल्दी, इसके पीछे छिपे हैं 3 गहरे राज, क्या आप जानते हैं?

हिंदू धर्म से होने वाली शादियों में कई तरह की रस्में और रिवाज होते हैं। इसमें हल्दी की रस्म भी काफी खास मानी जाती है। दूल्हा हो या दुल्हन दोनों को शादी के कुछ दिनों पहले से हल्दी लगना शुरू हो जाती है। फिर शादी वाले दिन तक इस हल्दी को लगाया जाता है।

आज के सोशल मीडिया के जमाने में तो लोग हल्दी रस्म को भी बड़े शाही अंदाज से मनाते हैं। अलग-अलग पोज में तस्वीरें खिंचवाते हैं। सभी मैचिंग के पीले कपड़े पहनते हैं। काला चश्मा लगा स्टाइल मारते हैं।

लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि आखिर शादी में दूल्हा-दुल्हन को हल्दी क्यों लगाई जाती है? आज हम आपको इस हल्दी रस्म से जुड़ी तीन दिलचस्प जानकारियां बताएंगे।

ज्योतिष महत्व

ज्योतिष शास्त्र में हल्दी को काफी शुद्ध माना जाता है। खासकर शादी ब्याह में इसे लगाने की सलाह जरूर दी जाती है। दरअसल ज्योतिष शास्त्र हल्दी को गुरु से जोड़कर देखता है। कहते हैं यदि गुरु शुभ न हो तो विवाह अच्छे से सम्पन्न नहीं होता है। इसलिए शादी के लिए गुरु ग्रह का अनुकूल होना अतिआवश्यक होता है।

जब हम दूल्हा या दुल्हन को हल्दी लगाते हैं तो इसका गुरु ग्रह पर पॉजिटिव असर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए गुरु ग्रह का शुभ होना जरूरी होता है। बस यही वजह है कि शादी के 2-3 दिन पहले से दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाना शुरू कर दिया जाता है।

वैज्ञानिक महत्व

आयुर्वेद की माने तो हल्दी एंटीबायोटिक और एंटी बैक्टीरियल जैसे गुणों से भरपूर होती है। हल्दी को स्किन के लिए भी हेल्थी माना जाता है। इसलिए दूल्हा-दुल्हन को इसे लगाने से स्किन से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती हैं। उन्हें कोई भी इंफेक्शन नहीं होता है। फिर शादी में खान-पान और सत्रह लोगों से मिलने-जुलने से जो बीमारी का खतरा रहता है वह भी हल्दी से कम हो जाता है।

इसके अलावा हल्दी में मौजूद गुण दूल्हा-दुल्हन के चेहरे और शरीर में निखार भी ला देते हैं। जब दूल्हा-दुल्हन पर हल्दी का रंग चढ़ता है तो उनकी सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं। ऐसे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो हल्दी लगाना दूल्हा-दुल्हन के फायदे का सौदा है।

धार्मिक महत्व

शादी में हल्दी लगाने का धार्मिक महत्व भी है। धर्म ग्रंथों की माने तो भगवान विष्णु को हल्दी अत्यधिक प्रिय है। इसलिए उन्हें पीतांबरधारी भी कहते हैं। मतलब वे पीले रंग के कपड़े भी पसंद करते हैं। पूजा पाठ में भी विष्णुजी को पीले रंग की चीजें जैसे पीले फल, पीली मिठाई इत्यादि अर्पित किए जाते हैं। वहीं उनका अभिषेक बिना हल्दी और केसर के अधूरा माना जाता है।

इसलिए जब शादी में दूल्हा और दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है तो भगवान विष्णु खुश होते हैं। वे उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं। इससे शादी अच्छे से सम्पन्न होती है। दूल्हा-दुल्हन शादी के बाद भी खुश और सुखी रहते हैं।

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