अध्यात्म

इस मंदिर में हनुमानजी अपने भक्तों की इच्छा करते हैं पूरी, आज भी यहां मौजूद है इनके पद चिन्ह

जैसे ही महाबली हनुमान जी का जिक्र होता है, हनुमान जी के भक्तों के मन में भक्ति भाव उत्पन्न होने लगता है, वैसे देखा जाए तो हनुमान जी के भक्तों की कोई कमी नहीं है, महाबली हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता है जो कलयुग में अजर अमर माने गए हैं, और यह अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं, इसीलिए ज्यादातर लोग इनकी भक्ति में लीन रहते हैं, वैसे देखा जाए तो देशभर में हनुमान जी के बहुत से मंदिर मौजूद है और इन मंदिरों के प्रति लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है, आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है और ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की इच्छाएं हनुमान जी पूरी करते हैं, इस मंदिर में व्यक्ति अपने दुख तकलीफ से छुटकारा प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं और कभी भी निराश होकर नहीं जाते हैं।

आज हम जिस मंदिर के बारे में आपको बता रहे हैं यह मंदिर शिमला शहर की खूबसूरत चोटियों पर समुद्र तल से लगभग 8048 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, यह मंदिर जाखू पहाड़ी पर मौजूद है, महाबली हनुमान जी के इस मंदिर में लोग देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी दर्शन करने के लिए आते हैं, इस मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर रामायण काल से जुड़ा हुआ है, इस मंदिर के अंदर बड़ी तादात में बंदर रहते हैं और ऐसा बताया जाता है कि यह बंदर महाबली हनुमान जी का रामायण काल से ही प्रतीक्षा में लगे हैं, जाखू मंदिर के परिसर में हनुमान जी की 108 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा मौजूद है, जिसको आप शिमला के किसी भी कोने से आसानी से देख सकते हैं, इस मंदिर में हनुमान जी अपने भक्तों की सभी मन की इच्छाएं पूरी करते हैं।

इस मंदिर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि त्रेता युग में राम रामायण युद्ध के दौरान जब श्री राम जी के भाई लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तब उनके लिए महाबली हनुमान जी इसी रास्ते से संजीवनी बूटी लेने गए थे, उस समय इस पर्वत पर यक्ष ऋषि का आश्रम था, जिनसे संजीवनी बूटी की पहचान जानने के लिए महाबली हनुमान जी रुके थे, लोगों का ऐसा कहना है कि जिस स्थान पर हनुमान जी उतरे थे वहां पर उनके पद चिन्हों को संगमरमर से बना कर रखा गया है।

ऐसा बताया जाता है कि महाबली हनुमान जी ने यक्ष ऋषि को यह वचन दिया था कि संजीवनी बूटी लेने के पश्चात लौटते समय वह यहां पर रुकेंगे परंतु ऐसा नहीं हो पाया, ऐसी स्थिति में यक्ष ऋषि काफी परेशान हो गए थे, तब भगवान ने उनको दर्शन दिए थे, इसके पश्चात इस स्थान पर महाबली हनुमान जी की मूर्ति भी प्रकट हुई थी, तब यक्ष ऋषि ने यहां पर मंदिर की स्थापना की थी, इस मंदिर में दूर दूर से लोग हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं, अगर कोई व्यक्ति शिमला घूमने के लिए जाता है तो वह जाखू मंदिर के दर्शन अवश्य करता है।

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