अध्यात्म

पृथ्वी पर आज भी जिंदा हैं भगवान ‘हनुमान’, विज्ञान भी इन 10 सबूतों के सामने है नतमस्तक

भगवान हनुमान को अधिकतर लोग पवन पुत्र और बजरंग बलि के नाम से भी जानते हैं. हनुमान जी को भगवान राम के सच्चे एवं परम भक्तों में से एक माना जाता है. अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान जब भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण दुष्ट रावण ने किया था था तो हनुमान जी राम की मदद के लिए आगे आए थे और अपनी पूँछ पर आग लगा कर इन्होने रावण की पूरी लंका को देहन कर दिया था. हिन्दू धर्म के शास्त्रों में हनुमान जी की सदैव अमर होने की बात लिखी गई है. त्रेतायुग की समाप्ति पर जब भगवान श्रीराम अपने विष्णुस्वरूप में क्षीरसागर जाने लगे तब उन्होंने हनुमानजी को कलियुग के अंत तक पृथ्वी पर रूकने का आदेश दिया था. विष्णु के अवतार भगवान राम ने सतयुग में हनुमान को कलयुग में हरिनाम संकीर्तन पर जोर देने को कहा था. इससे इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि भगवान राम पहले से ही जानते थे कि हनुमान कलयुग में भी पृथ्वीं पर जन्म लेंगे और हरि नाम का जाप करेंगे. तो इस हिसाब से सोचा जाए तो हनुमान जी आज भी इसी धरती पर कहीं ना कहीं मौजूद हैं.

आज हम आपको हिन्दू धर्म में मिलने वाले ऐसे 10 संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस बात को साबित करते हैं कि हनुमान जी अभी भी जीवित हैं. तो चलिए जानते हैं अखिर ये संकेत कौनसे हैं-

यह हैं हनुमान जी के जीवित होने के संकेत

  • यदि आप सच्चे बजरंग बलि भक्त हैं और हनुमान चालीसा का जाप करते हैं तो आपने उसमे मौजूद इस पंक्ति को आवश्य पढ़ा होगा-

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लिल्यो ताहि मधुर फल जानू।।

अर्थात हनुमान चालीसा की इस पंक्ति में जो सूर्य और धरती के बीच की दूरी बताई गई है, ठीक वही दूरी NASA ने भी रिसर्च में पाई है.

  •  हजारों लाखों साल पुरानी माया सभ्यता के लोग MONKEY HAWKER GOD की पूजा करते हैं. अगर आप इस तस्वीर को गौर से देखें तो यह कोई और नहीं बल्कि खुद हनुमान जी ही हैं.

  • श्रीलंका में एक आदिवासी कबीला है, जिसका नाम मातंग है. ऐसी मान्यता है कि इस कबीले के लोग विभीषण के वंशज हैं. यहां रहने वाले लोगों के अनुसार हनुमान जी स्वयं प्रकट होकर उनसे मिलने आते हैं.

  • लक्ष्मण जी को बचाने के जब वैध ने हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने के लिए भेजा  था , तो वह वहां बूटी की पहचान नहीं कर पाए जिसके चलते यह पूरा का पूरा हिमालय पर्वत उठा लाए थे. गौरतलब है कि श्रीलंका में आज भी वः पर्वत मौजूद है. साइंस की एक रिसर्च में  पता चला कि हिमालय पर्वत और हनुमान जी द्वारा लाए गए इस पर्वत के अवशेष एकदम समान है.
  • हिंदू धर्म के शास्त्रों में यह बात साफ देखनी है कि हनुमान जी कलयुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करेंगे. महाकुंभ के दौरान वैरागी साधु सन्यासी से पूछने पर हैरान कर देने वाली जानकारियां सामने आती है.

  • हमारे इस कलयुग में नैनीताल नामक स्थान पर हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर मौजूद है इसका नाम कैंची धाम है. ऐसा बताया जाता है कि Facebook के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग की किस्मत लिखने के बाद करती थी. नहीं नहीं बल्कि Apple के चीफ़ स्टीव जॉब्स ने इस मंदिर के चमत्कारी प्रभावों के बारे में विशेष रूप से ज़िक्र किया है.

  • द्वापर युग में हनुमान जी भी हमसे मिले थे. महाभारत में जब युद्ध चल रहा था तो श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया  था कि, ” तुम्हारे रथ के ऊपर हनुमान जी खुद विराजमान है”.

  • गौरतलब है कि शिमला में जाखू नामक एक प्रसिद्ध मंदिर है जहां हनुमान जी के पैरों के निशान आज भी पाए जाते हैं.
  • इस बात को विज्ञान भी मानता है है कि हनुमान चालीसा को पढ़ने से इंसानों में तेज गुना बढ़ जाता है मुझे चालीसा की पंक्तियों में अद्भुत शक्ति है, जिसे ना चाहते हुए भी हमें मानना ही पड़ता है.

  • हनुमान जी का वानर रूप गलत बताया गया है. परंतु एक बात बिल्कुल सच है कि पूजा अहमदनगर लेकर हनुमान जी अपने भक्तों से किसी भी रुप में आकर मिल सकते. ऐसा माना जाता है कि जब तुलसीदास रामचरित मानस की रचना कर रहे थे तब हनुमान जी ने उन्हें मानव रूप में दर्शन दिए थे.

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button