अध्यात्म

900 वर्ष पुराना देवी का दरबार, जहां भक्तों की आर्थिक परेशानियां दूर करती है मां लक्ष्मी

देवी लक्ष्मी की महिमा अपरंपार बताई गई है, अगर इनकी कृपा किसी व्यक्ति पर हो जाए तो उस व्यक्ति का जीवन खुशियों से भरपूर हो जाता है और उस व्यक्ति को अपने जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है, माता लक्ष्मी जी को दीपावली का त्यौहार समर्पित है, इस दिन माता लक्ष्मी जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, माता लक्ष्मी जी को धन और धान्य की देवी कहा जाता है, वैसे देखा जाए तो हमारे पूरे भारत देश में देवी लक्ष्मी जी के बहुत से मंदिर मौजूद है, जहां पर माता लक्ष्मी जी के अलग-अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है, आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से एक ऐसे माता लक्ष्मी जी के मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो वास्तु शिल्प शैली के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि जो भी भक्त माता के दरबार में दर्शन करने के लिए आता है उसकी आर्थिक परेशानियां माता रानी दूर कर देती है।

दरअसल, हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर कर्नाटक के हसन से लगभग 16 किलोमीटर दूरी पर डोदगादवल्ली नामक गांव में स्थित है, इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण होयसल साम्राज्य के शासक विष्णुवर्धन के काल में 1113-1114 में हुआ था, यह मंदिर 900 वर्ष पुराना बताया जाता है, सबसे पुराने मंदिरों में से एक यह मंदिर होयसल वास्तु शिल्प शैली के लिए दुनिया भर में मशहूर है।

देवी माता के इस मंदिर के अंदर मुख्य भगवान देवी लक्ष्मी जी है, इस मंदिर में दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से भारी संख्या में आते हैं, इस मंदिर की वास्तु शैली को देखकर लोग अक्सर इसकी तरफ काफी आकर्षित हो जाते हैं, इस मंदिर के चारों दिशाओं में चार कक्ष बने हुए हैं, जो मध्य में एक केंद्र से आपस में जुड़े हुए हैं, इस मंदिर के पूर्वी गर्भ गृह में धन की देवी माता लक्ष्मी जी विराजमान है, माता लक्ष्मी जी के दाहिने हाथ में शंख और ऊपरी बाएं हाथ में चक्र है, देवी लक्ष्मी जी के दोनों तरफ दो परिचारिकाओ की मूर्तियां स्थित है।

इस मंदिर के प्रति भक्तों का अटूट विश्वास देखने को मिलता है, जिन लोगों को अपने जीवन में धन की कमी का सामना करना पड़ता है वह लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं और उनको धन की समस्या से छुटकारा मिलता है, इस मंदिर में देवी लक्ष्मी जी श्रद्धालुओं की आर्थिक परेशानियों को दूर करती हैं, इसके अतिरिक्त मंदिर में अगर आप प्रवेश करेंगे तो आप भगवान शिव, भैसें पर सवार यम और समुद्र देवता वरुण की भी प्रतिमाएं देख सकते हैं, इस मंदिर के ऊपरी कक्ष में देवराज इंद्र की मूर्ति भी स्थित है, देवराज इंद्र अपने वाहन एरावत पर विराजमान नजर आते हैं।

देवी लक्ष्मी जी के इस मंदिर को अपने आप में बहुत ही खास बताया जाता है, अक्सर लोग अपने जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए माता के इस दरबार में दर्शन करने के लिए आते हैं और माता लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से अपनी परेशानियों से शीघ्र ही छुटकारा प्राप्त करते हैं।

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