जरा हटके

ये मंदिर बना है ‘बीयर’ की खाली बोतलों से, हर साल आते हैं लाखों लोग देखने, देखें शानदार तसवीरें

दुनिया में कईं. तरह के लोग और कईं तरह के धरम मौजूद हैं. कोई खुदा को मानता है तो कोई भगवान को पूजता है. ऐसे में हर भगवान के लिए एक ख़ास स्थान बनाया जाता है, जहाँ भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की फरयाद लेकर जाते हैं. यह स्थान कोई और नहीं बल्कि मंदिर, गुरूद्वारे और मस्जिदें हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने आप में बहुत ख़ास माना जाता है. इस मंदिर को देख कर आप भी यह कहने को मजबूर हो जाएंगे कि इंसान अगर किसी काम को करने की ठान ले तो उसको कोई नहीं रोक सकता. दरअसल, इस मंदिर को बनाने वाले ने भी कुछ ऐसा ही सोचा होगा. इस मंदिर की ख़ास बात यह है कि यह मंदिर बीयर की खाली बोतलों को इस्तेमाल करके बनाया गया है. हालांकि आपको यह बात जानकार थोडा अजीब लगा होगा, लेकिन यह बिलकुल सच है. इस मंदिर के फर्श से लेकर दीवारों तक का निर्माण बीयर की खाली बोतलों से किया गया है.

हम इंसानों की फितरत है कि अगर कोई बेकार की चीज हमारे आसपास मौजूद हो तो हमें उसकी जरूरत महसूस नहीं होती. लेकिन देखा जाए तो यही बेकार पड़ी चीजें कभी कभी हमारे बहुत काम आ सकती हैं इस बात का आभास आपको एक न एक दिन अवश्य हो ही जाएगा. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि यह बीयर की बोतलों से बना हुआ मंदिर बौद्ध भिक्षुओं द्वारा किया गया एक शानदार एक्सपेरिमेंट माना जा रहा है.

कैसे मिला मंदिर बनाने का आईडिया?

इस मंदिर के निर्माण को लेकर कई लोगों के मन में सवाल चल रहे होंगे लेकिन हम आपको बता दें कि बहुत साल पहले एक कंपनी ने सपना देखा था कि वह बेकार पड़ी देर की बोतलों से एक इमारत बनाएगी. हालांकि वह कंपनी अपना यह सपना पूरा नहीं कर पाए लेकिन जब इस सपने की कमान बौद्ध भिक्षुओं तक पहुंची तो उन्होंने इस सपने को सच कर दिखाया. Sisaket प्रांत के भिक्षुओं ने 10 लाख बीयर की बोतलें इकट्ठा करके “Wat Pa Maha Chedi Kaew” नामक इस मंदिर को स्थापित किया. गौरतलब है कि इस मंदिर के बाथरूम से लेकर शमशान घाट तक की दीवारें और फर्श बीयर की बोतलों से बने हैं. कांच से बना यह मंदिर बोध लोगों की कलाकारी की एक अलग मिसाल कायम कर रहा है.

बौद्ध धर्म के इस मंदिर का डिजाइन और तस्वीरें देखकर यह मंदिर आपके दिल में बस जाएगा. इस मंदिर को बनाने वालों ने यह साबित कर दिखाया कि कोई भी चीज बेकार नहीं होती बल्कि वह किसी ना किसी तरह से हमारे काम आ ही जाती हैं. भूरे और हरे रंग की बोतलों से बना यह मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. इसके निर्माण में हीनेकेन और चैंग बीयर की बोतलों का इस्तेमाल किया गया है. इस मंदिर को   बनाने में दो साल से भी ऊपर का समय लगा. इस मंदिर के बीचों बीच एक तालाब है जिसके बीच इस मंदिर की परछाई दिखती है. ये नज़ारा देखने मे बेहद खूबसूरत लगता है। इस मंदिर को देखने के लिए पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है.

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button