अध्यात्म

नहीं हो रही संतान? आज ही आजमाएं ये 4 उपाय, जल्द घर में गूंजेगी बच्चों की किलकारियां

शादी के बाद हर मां बाप यही चाहते हैं कि उनके घर बच्चों की किलकारियां गूंजे। हालांकि कई बार लाख कोशिशों के बावजूद दंपति को संतान का सुख नसीब नहीं हो पाता है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो कई बार ग्रहों के अशुभ परिणाम भी आपको संतान सुख से वंचित रखते हैं। ऐसे में कुछ खास उपायों को आजमा कर आप संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं।

गाय के बछड़े की सेवा

हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना गया है। मान्यताओं के अनुसार गाय में 33 कोटी देवी-देवता का वास होता है। शास्त्रों में भी गौसेवा को सबसे बड़ी सेवा कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो यदि शादी के कई सालों बाद भी संतान सुख नसीब नहीं हो रहा है तो हमे गाय और उसके बछड़े की सेवा करना चाहिए। उन्हें अपने भोजन का आधा हिस्सा भी खिलाना चाहिए। इससे आपको जल्द संतान प्राप्ति हो जाएगी।

पीपल पर जल चढ़ाएं

पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है। कई लोग इसकी पूजा करते हैं। मंदिरों में भी आपको यह पेड़ अक्सर देखने को मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आपको संतान का सुख नहीं मिल रहा तो आप रोज पीपेल के पेड़ पर पानी चढ़ाना शुरू कर दें। जल अर्पित करते समय अपने लिए संतान की मनोकामना करें। आपको जल्द संतान सुख मिल जाएगा।

कमर में मदार की जड़ बांधना

यदि महिला को शादी के कई साल बाद भी गर्भधारण करने में समस्या आ रही है तो मदार की जड़ आपके काम आ सकती है। इसे कहीं से उखाड़कर ले आए। इसके बाद इसे उस महिला की कमर में बांध दें जो गर्भधारण करना चाहती है। इसके बाद रोज स्नान के समय गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ करें। इस उपाय से महिला की गोद जल्द भर जाएगी।

गुरुवार का व्रत

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जिस जातक की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है उसे संतान सुख प्राप्त करने में कठिनाई आती है। गुरु ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में दांपत्य जीवन और संतान सुख का कारक माना जाता है। ऐसे में कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूर करने के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए।

इस दिन पीले रंग की चीजें दान करना चाहिए। गुड़ का दान भी शुभ होता है। पति पत्नी हर गुरुवार पीले वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु की पूजा करें। उनसे संतान प्राप्ति का निवेदन करें। ऐसा करने से जल्द ही आपके घर बच्चों की किलकारियां गूंज उठेगी।

(नोट: यहां दी गई जानकारी धार्मिक व ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह लें।

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