अध्यात्म

दुनिया का एक ऐसा मंदिर जहां राम बिना सीता की होती है पूजा, मांगी गई हर मन्नत होती है पूरी

आप सभी लोगों ने किसी भी व्यक्ति के मुंह से हमेशा भगवान श्री राम और सीता माता का नाम एक साथ सुना होगा और तस्वीरों के अंदर भी भगवान राम और सीता माता एक साथ नजर आते हैं और इन दोनों की पूजा की जाती है, परंतु आज हम जो जानकारी देने वाले हैं उसको जानने के बाद आप सोचने पर विवश हो जाएंगे जी हां, क्योंकि आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो दुनिया भर में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान श्री राम जी के बिना ही सीता माता की पूजा की जाती है।

आप लोगों ने भगवान श्री राम जी की कहानियां तो पड़ी होगी, राम चरित्र मानस के अनुसार देखा जाए तो भगवान श्री राम जी और सीता माता के 2 पुत्र थे जिनका नाम लव और कुश था और इनका जन्म कहां पर हुआ था आप लोग जानते ही होंगे, इनका जन्म बाल्मीकि आश्रम में हुआ था परंतु यह बाल्मीकि आश्रम कहां पर स्थित है? शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो इस विषय में जानता होगा।

अगर आप लोगों को बाल्मीकि आश्रम के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इस बात की जानकारी बताने वाले हैं दरअसल, बाल्मीकि आश्रम मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के मुंगावली तहसील के करीला गांव में था, इस स्थान पर एक मंदिर मौजूद है जिसको करीला माता मंदिर के नाम से लोग जानते हैं, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इसी स्थान पर भगवान श्री राम और माता सीता के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ था, इस मंदिर के अंदर भगवान श्री राम जी के बिना ही माता सीता की पूजा की जाती है, इस मंदिर के अंदर भगवान राम जी की पूजा नहीं होती है, इतना ही नहीं बल्कि इस मंदिर के अंदर भगवान राम जी की प्रतिमा भी नहीं है।

करीला माता मंदिर से लोगों की काफी आस्था जुड़ी हुई है, इस मंदिर में रोजना भक्त माता के दर्शन करने और इनकी पूजा-अर्चना करने के लिए उपस्थित होते हैं, ऐसा माना जाता है कि अगर कोई भक्त इस मंदिर में अपनी कोई भी मनोकामना मांगता है तो उसकी सभी मन्नतें माता अवश्य पूरी करती है, इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति निराश होकर नहीं जाता है, उसकी सभी अधूरी इच्छाएं पूरी हो जाती है, जब व्यक्ति की मनोकामना पूरी हो जाती है तो उसके बाद यहां पर लोग श्रद्धा के साथ राई और बधाई नृत्य करवाते हैं ऐसा कहा जाता है कि इसके लिए बेड़िया जाति की महिलाएं करीला मंदिर में नृत्य करती है, इस मंदिर के अंदर माता जानकी के साथ ही बाल्मीकि और लव कुश की प्रतिमा भी मौजूद है, सच मायने में देखा जाए तो यह मंदिर पूरे विश्व का एक ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान श्री राम जी के बिना ही माता सीता की पूजा की जाती है।

अगर आपकी कोई मनोकामना अधूरी रह गई है तो आप इस मंदिर में अवश्य जाएं मान्यता अनुसार आपकी सभी अधूरी मनोकामनाएं अवश्य पूरी हो जायेंगीं, इस मंदिर में जो भक्त आता है कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है, माता के इस मंदिर में सबकी झोलियां खुशियों से भर जाती हैं और सभी लोग अपने चेहरे पर खुशियों की चमक लेकर लौटते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button