अध्यात्म

बिछिया पहनने वाली महिलाएं जान लें ये बातें, वरना पति पर आ सकता है आर्थिक संकट

हमारे देश भर में ऐसी बहुत सी परंपराएं हैं जिसको पुराने समय से ही निभाया जा रहा है वर्तमान समय में भी इन परंपराओं को व्यक्ति निभा रहा है ठीक इसी प्रकार हिंदू धर्म में भी ऐसी कोई बहुत सी परम्पराएं और संस्कृतियां है जिसका लोगों को इनका पालन करना पड़ता है जो पुराने समय से ही रीति-रिवाज के रूप में अभी तक चले आ रहे हैं इन रीति-रिवाजों में विशेषकर महिलाओं से जुड़े हुए बहुत से रीति रिवाज बनाए गए हैं जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं भारतीय परंपरा के अनुसार जब महिलाओं की शादी हो जाती है तो वह अपने पैरों की उंगलियों में बिछिया धारण करती है ऐसा कहा जाता है कि बिछिया सिर्फ विवाहित महिलाएं ही धारण कर सकती है इनको अविवाहित लड़कियां नहीं पहनती हैं, बिछिया से जुड़े हुए बहुत से कारण बताए गए हैं अगर बिछिया का धारण महिलाएं करती हैं तो इससे उनके मासिक चक्र में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होती है उनका मासिक चक्र नियमित रूप से होता है ऐसा भी बताया जाता है कि बिछिया धारण करने से महिलाओं को गर्भधारण के समय किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।

ऐसे बहुत से लोग होंगे जो इन सभी बातों को व्यर्थ मानते होंगे परंतु यह सभी परम्पराये पुराने समय से ही चली आ रही है वैसे हमारे समाज में ऐसे बहुत से लोग होंगे जो इन परंपराओं पर ध्यान नहीं देते हैं और ना ही इनको निभाते हैं परंतु क्या आप लोगों को इस बात की जानकारी है कि अगर बिछिया को सही तरीके से नहीं पहना जाए तो इसकी वजह से विवाहित महिला के पति के ऊपर भारी आर्थिक संकट आ सकता है जी हां, आप लोग बिल्कुल सही सुन रहे हैं आज हम आपको बिछिया से जुड़ी हुई कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं जिन पर विवाहित महिलाओं को ध्यान देना बहुत ही जरूरी है।

आइए जानते हैं बिछिया से जुड़ी इन बातों के बारे में

  • सबसे जरूरी और पहली बात यह है कि महिलाओं के पैर की दूसरी उंगली की तंत्रिका का सीधा संबंध गर्भाशय से होता है जो हृदय से होकर गुजरती है अगर आप लोगों ने गौर किया होगा तो इस बात की जानकारी होगी कि महिलाएं बिछिया सिर्फ पैर के दाहिने तथा बाएं पैर की दूसरी उंगली में ही धारण करती है क्योंकि इसकी वजह से गर्भाशय को नियंत्रित किया जा सकता है और गर्भाशय में संतुलित रक्तचाप रहता है जिसकी वजह से सेहत ठीक रहती है।

  • हिंदू धर्म के रीति रिवाजों के अनुसार देखा जाए तो बिछिया के बिना हर सिंगार अधूरा माना गया है बिछिया धारण करने का एक अन्य कारण यह भी है कि इसको सूर्य और चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है सूर्य और चंद्र की कृपा दृष्टि आप के ऊपर हमेशा बनी रहे इसलिए महिलाएं बिछिया का धारण करती है इसके अतिरिक्त आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि सोने की बिछिया पैरों में ना पहने आप चांदी की बिछिया पैरों में धारण कीजिए।

  • महिलाओं को इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि आपने जो बिछिया अपने पैर की उंगली में पहनी है वह कहीं गुम नहीं होनी चाहिए इसके अतिरिक्त कभी भी भूलकर आप अपनी पहनी हुई बिछिया किसी और महिला को उतारकर मत दीजिए क्योंकि अगर आप ऐसा करती हैं तो इससे आपके पति के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और आपके घर में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती है और आपके पति के ऊपर कर्ज का बोझ भी बढ़ सकता है धन से जुड़ी हुई परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

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