अध्यात्म

भगवान विष्णु कलयुग में भी यहां करते हैं निवास, भक्तों को यहां सभी सुखों की होती है प्राप्ति

भगवान विष्णु जी को जगत का पालनहार कहा जाता है, इन्होंने कई अवतार लेकर अपने भक्तों को दुष्ट लोगों से मुक्ति दिलाई है, जब-जब धरती पर पाप का भार अधिक हुआ है तब-तब इन्होंने किसी ना किसी रूप में अवतार लिया है और पाप का अंत किया है, भगवान विष्णु जी को वेंकटेश्वर भी कहा जाता है, वैसे देखा जाए तो देशभर में भगवान विष्णु जी से जुड़े हुए बहुत से मंदिर मौजूद है, जिनकी अपनी-अपनी विशेषता बताई गई है, अक्सर इन मंदिरों में भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं और इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें मंदिरों के बाहर लगी रहती है, आज हम आपको भगवान विष्णु जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है, ऐसा बताया जाता है कि इस स्थान पर भगवान विष्णु जी विश्राम करने के लिए आए थे, कलयुग में भी इस स्थान पर भगवान विष्णु जी बसते हैं।

हम आपको भगवान विष्णु जी के जिस पर स्थित प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति में है. जिसको तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस स्थान पर भगवान विष्णु जी कुछ समय के लिए विश्राम करने के लिए आए थे, यहां पर पुष्करणी नाम का तालाब स्थित है, जिसके किनारे भगवान विष्णु जी ने निवास किया था, पुष्करणी पवित्र जल कुंड के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस कुंड का पानी पूरी तरह से कीटाणु रहित और साफ है, जो भक्त इस कुंड में डुबकी लगाता है उसके सभी पापों का नाश हो जाता है और भक्तों को सुख की प्राप्ति होती है, मान्यता अनुसार इसी पवित्र जल कुंड में भगवान विष्णु जी ने भी स्नान किया था।

हिंदू तीर्थ स्थलों में प्रसिद्ध मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर है, प्रतिवर्ष यहां पर लाखों की संख्या में दर्शनार्थी आते हैं, समुद्र तल से लगभग 3200 फीट की ऊंचाई पर स्थित तिरुमाला की पहाड़ियों पर बना यह मंदिर भक्तों की आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, ऐसा बताया जाता है कि जो भक्त इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आता है वह यहां पर मौजूद जल कुंड में पहले स्नान करता है उसके बाद ही उसको मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है, बिना स्नान किए इस मंदिर में कोई भी भक्त प्रवेश नहीं कर सकता है, तिरुपति बालाजी मंदिर के आसपास बनी पहाड़ियां शेषनाग के साथ फनो के आधार पर है, जिसकी वजह से इसको सप्तगिरि भी कहा जाता है, भगवान विष्णु जी का यह मंदिर सप्तगिरि की सातवीं पहाड़ी पर स्थित है।

अगर हम पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देखें तो इस मंदिर से बहुत सी मान्यताएं जुड़ी हुई है, ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर में जो भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा मौजूद है उसी प्रतिमा में भगवान विष्णु जी बसते हैं, कलयुग में भी भगवान विष्णु जी यहां पर निवास करते हैं, सभी धर्मों के लिए यह मंदिर खुला रहता है, बिना किसी भेदभाव और रोक-टोक के सभी धर्मों के लोग यहां पर भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं।

अगर आप तिरुपति बालाजी मंदिर जाना चाहते हैं तो आप रेल मार्ग, हवाई मार्ग और सड़क मार्ग के द्वारा इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं, तिरुपति पर एक छोटा सा हवाई अड्डा बना हुआ है, अगर आप रेल मार्ग से जा रहे हैं तो चेन्नई से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य रेलवे स्टेशन है और इस मंदिर में पहुंचने के लिए बस सेवा भी मिल जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button