अध्यात्म

जानिए इस वर्ष कब है करवा चौथ और पूजा करने की सही विधि

वर्ष भर में बहुत से त्यौहार मनाये जाते हैं और सभी त्योहारों की अपनी-अपनी मान्यता है, लेकिन करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है, महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती है और रात के समय चांद को देखने के बाद ही अपना व्रत तोड़ती है, इस वर्ष करवा चौथ 17 अक्टूबर 2019 को पड़ रहा है ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ के दिन अगर सुहागिन महिलाएं उपवास रखती है तो इससे उसके पति की आयु लंबी होती है और उसका घरेलू जीवन सुखी पूर्वक व्यतीत होता है।

करवा चौथ का व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है, इस व्रत में महिलाएं भूखी प्यासी रहती है, यह व्रत सूर्य उदय से ही आरंभ हो जाता है और चांद निकलने तक इस व्रत को किया जाता है, इस व्रत के दौरान सास अपनी बहू को सरगी देती है और इस सरगी को लेकर बहू अपने व्रत की शुरुआत करती है, जब शाम का समय होता है तब शुभ मुहूर्त में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा-अर्चना होती है, चांद निकलने के पश्चात महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करके अपना व्रत तोड़ती है।

अगर महिलाएं करवा चौथ का व्रत कर रही है तो करवा चौथ के व्रत की पूजा विधि के बारे में उनको ठीक प्रकार से जानकारी होनी चाहिए, करवा चौथ का व्रत पति पत्नी के प्रेम को मजबूत बनाता है, अगर आप चाहती हैं कि आपके जीवनसाथी के साथ प्रेम संबंध मजबूत रहे और आप अपना वैवाहिक जीवन सुखी पूर्वक व्यतीत करें तो आप करवा चौथ व्रत की पूजा विधि के बारे में पूरी जानकारी अवश्य प्राप्त करें।

आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत की पूजा विधि

  • करवा चौथ वाले दिन महिलाएं सुबह के समय सूर्य उदय से पहले उठ जाए और सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करने के पश्चात पानी का सेवन करके भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लीजिए।
  • करवा चौथ के दिन पूरे दिन महिलाओं को अन्न और जल का ग्रहण नहीं करना चाहिए, आप शाम के समय चांद देखने के बाद ही आप अपना व्रत खोलें।
  • अगर आप शाम के समय पूजा कर रही है तो एक मिट्टी की बेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करके इसमें करवा रखिए और एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिंदूर रखकर घी का दीपक जलाएं।
  • महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना होगा कि करवा चौथ की पूजा चांद निकलने से 1 घंटे पहले आरंभ करना चाहिए, पूजन के दौरान आप करवा चौथ की कथा अवश्य सुने।

  • आप छलनी से चांद को देखने के पश्चात ही अर्घ्य देकर चंद्रमा की पूजा कीजिए, चांद देखने के बाद आप अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करके अपना व्रत खोलिये।
  • करवा चौथ का पर्व महिलाओं के लिए बहुत ही विशेष माना जाता है और इस दिन पूजन में सभी बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है, करवा चौथ वाले दिन बहू अपनी सास को थाली में मिठाई फल, मेवे, पैसे आदि दें और उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करें।

उपरोक्त करवा चौथ पूजन की विधि के बारे में जानकारी दी गई है, जिन पर सभी सुहागिन महिलाओं को ध्यान देना चाहिए, अगर आप इन सभी बातों का ध्यान करते हुए अपना करवा चौथ व्रत करती हैं तो इससे आपके वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहेंगी और पति पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।

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