अध्यात्म

भगवान शिव की हर प्रतिमा का है अपना महत्व, जानिए किसके पूजन से मिलता है क्या फल

देवो के देव महादेव की पूजा वैसे तो हर रूप में फलदायी है, भोले बाबा तो अपने भक्तों की एक गुहार पर उनकी सुध लेते है और तनिक प्रयास से ही प्रसन्न भी हो जाते हैं, पर जैसा कि शास्त्रों में हर देवता के लिए विशेष पूजा का विधान है, वैसे भगवान शिव के पूजा अर्चना के बारे में कई धर्म शास्त्रों में महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख मिलता है । इन्ही में से एक श्रीलिंग महापुराण में भगवान शिव की विभिन्न छवियों के पूजन से मिलने वाले अलग-अलग परिणामें का उल्लेख किया गया है । आज हम आपको उसी विषय में बता रहे हैं..

दरअसल आमतौर पर तो भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है पर वहीं भगवान शिव की मूर्ति पूजन का भी अपना महत्व है, ऐसे में श्रीलिंग महापुराण में भगवान शिव के अलग-अलग रूपों की मूर्तियों और छवि की पूजा से मिलने वाले लाभ के बारे में बताया गया है, जैसे कि…

  • शिवजी की अर्द्धनारीश्वर के रूप वाली मूर्ति या छवि की पूजा करने से सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है।
  • वहीं जिस मूर्ति में भगवान शिव एक पैर, चार हाथ और तीन नेत्रों के साथ हाथ में त्रिशूल लिए हुए हों , साथ ही उनके उत्तर दिशा में भगवान विष्णु और दक्षिण दिशा में ब्रह्मा जी की मूर्ति हो, ऐसी प्रतिमा की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ मिलता है और वो सभी बीमारियों से मुक्त रहता है ।

  • जबकि भगवान शिव की माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ वाली प्रतिमा की पूजा करने से मनुष्य की हर मनोकामना पूरी होती है और उसे सभी तरह का भौतित सुख मिलता है।
  • वहीं भगवान शिव के अग्निस्वरूप वाली छवि जिसमें उनके तीन पैरों, सात हाथों और दो सिर हों, ऐसी मूर्ति की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को अन्न और धन की प्राप्ति होती है।

  • माता पार्वती के साथ भगवान शिव की बैल पर बैठी हुई मूर्ति की पूजा करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है।
  • वहीं ज्ञान देने वाली स्थिति में बैठे भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करने से विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  • जबकि कैलाश पर्वत पर माता पार्वती, नन्दी और सभी गणों से घिरे हुए भगवान शिव की छवि की पूजा करने से मनुष्य को समाज में उचित मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।

  • वहीं माता पार्वती सहित नृत्य की मुद्रा में, हजारों भुजाओं वाली भगवान शिव की छवि की पूजा करने से मनुष्य को जीवन के सभी सुख मिलते हैं।
  • चार हाथ और तीन नेत्र के साथ गले में सांप और हाथ में कपाल धारण किए हुए, शिवजी की सफेद रंग की मूर्ति की पूजा-अर्चना से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

  • काले रंग या लाल रंग की शिव मूर्ति जिसमें तीन नेत्रों वाले शिवजी, चंद्रमा को गले में आभूषण की तरह धारण किए हुए हो और हाथ में गदा -कपाल लिए हो, उसकी पूजा-अर्चना से मनुष्य की सभी दुखों का नाश होता है और इससे रुके हुए काम पूरे होते हैं।
  • वहीं जिस मूर्ति में भगवान शंकर दैत्य निकुंभ की पीठ पर बैठेकर अपने दाएं पैर को उसकी पीठ पर रखे हुएं हो और उनकी बाईं ओर मां पार्वती हों, ऐसी प्रतिमा की विधिवत पूजा करने से शत्र पर विजय मिलती है।
  • शरीर पर भस्म लगाए, ध्यान बैठे हुए भगवान शिव की प्रतिमा की पूजा करने से मनुष्य के सभी दोषों और पापों का नाश होता है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button