कहानी

दहेज के लालच में 15 दिन में टूटी शादी, बिना इंटरनेट मेहनत से UPSC की पास, IRS ऑफिसर बनीं कोमल

अगर इंसान को अपने जीवन में कुछ करना हो तो उसके लिए बहुत मेहनत और संघर्ष करने की आवश्यकता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस इंसान के इच्छाशक्ति मजबूत है, तो वह मुश्किल से मुश्किल हालात से भी लड़ते हुए आगे बढ़ जाता है। इस बात का सटीक उदाहरण हैं, यूपीएससी की 2013 बैच की आईआरएस ऑफिसर कोमल गणात्रा, जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों को पार करते हुए अपनी मंजिल हासिल की है।

कोमल की जिंदगी में एक समय ऐसा आया था, जब वह अंदर से पूरी तरह से टूट चुकी थीं। लेकिन इसके बावजूद भी उनका हौसला नहीं टूटा। कोमल ने अपने आपको जैसे-तैसे संभाला और अपनी मेहनत के दम पर अपना आत्म-सम्मान वापस पा लिया। कोमल की जिंदगी की कहानी काफी मुश्किलों से भरी रही है। कोमल के पति ने उन्हें शादी के महज 15 दिनों के बाद ही छोड़ दिया था। लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। तो चलिए जानते हैं IRS कोमल गणात्रा की प्रेरणादायी सफलता की कहानी…

शादी की वजह से सपना टूटा

कोमल का जन्म गुजरात के अमरेली में 1982 में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई गुजराती मीडियम से की है। वह गुजराती लिटरेचर में टॉपर भी रह चुकी हैं। उन्होंने ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। आपको बता दें कि कोमल ने 3 भाषाओं में अलग-अलग यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन भी किया हुआ है। कोमल अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती थीं परंतु जब 26 वर्ष की आयु में कोमल की शादी हुई तो उनके सपने बिखरते हुए नजर आए।

26 साल की उम्र में हुई एनआरआई से शादी

आपको बता दें कि कोमल की उम्र जब 26 साल की थी, तब उनकी शादी एक एनआरआई से हुई थी, जो न्यूजीलैंड में रहता था। जब कोमल की 2008 में शादी पक्की हो गई, तब गुजरात लोक सेवा आयोग की मेंस परीक्षा को उन्होंने क्लियर कर लिया परंतु शादी पक्की होने की वजह से उन्हें इंटरव्यू में भाग न लेने का फैसला लेना पड़ गया। अभी शादी को महज 15 दिन ही हुए थे कि कोमल के वैवाहिक जीवन में समस्याएं खड़ी हो गईं। उनका वैवाहिक जीवन सही से बसने से पहले ही उजड़ गया।

कोमल दहेज के लालची लोगों में ऐसी फंसी कि उनके ससुराल वालों ने दहेज के लालच में उन्हें घर से निकाल दिया था। खुद उनके पति भी उनका बचाव करने के लिए सामने नहीं आए और 15 दिनों के बाद ही कोमल का पति विदेश चला गया, जिसके बाद वह कभी भी वापस लौट कर नहीं आया। वहीं कोमल भी अपने पति के वापस लौटने की आस में बैठी हुई थीं। उन्होंने अपने पति को बहुत खोजने का प्रयास किया परंतु कहीं से भी उनको अपने पति के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हुई।

मुश्किल हालातों से लड़ते हुए मंजिल कर ली हासिल

जब कोमल के हाथ में निराशा हाथ लगी, तो उसके बाद वह अपने माता-पिता के घर वापस लौट आईं। लेकिन जिंदगी में इतनी परेशानियां थी कि कोमल को चैन कहां मिलता। खुद दहेज की बलि चढ़ने वाली कोमल को शादी टूटने की वजह से लोगों के ताने सुनने पड़े, जिसकी वजह से वह बहुत परेशान हुईं। कोमल ने फिर घर से दूर जाकर रहने का निर्णय ले लिया। कोमल अपने मायके से कुछ दूर एक गांव में आकर रहने लगीं। यहां पर रहते हुए कोमल ने अपने इसी दुख को अपनी ताकत बनाया और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। लेकिन कोमल जिस गांव में रहती थीं, वहां ना तो इंटरनेट था और ना ही अंग्रेजी का अखबार आता था।

लेकिन इसके बावजूद भी कोमल ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी। कोमल ने साथ ही अपना गुजारा करने के लिए एक स्कूल में पढ़ाना भी शुरू कर दिया। तीन बार की असफलताएं कोमल का हौसला नहीं तोड़ सकी और चौथी बार में उनकी मेहनत रंग लाई। साल 2012 की यूपीएससी परीक्षा में कोमल ने 591वीं रैंक हासिल करके आईआरएस ऑफिसर बनकर अपनी मंजिल पा ली।

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