अध्यात्म

karwa chauth vrat में न करें ये गलतियां, वरना मिल सकता है अशुभ परिणाम, जाने व्रत की सही विधि

आज देश में करवाचौथ का त्यौहार मनाया जा रहा है, जहां सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना लिए व्रत कर रही हैं। ऐसे में आज के दिन सुहागिन महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता है, खासकर जिस तरह से वो सोलह श्रृंगार के साथ चंद्रमा की पूजा अर्चना करती हैं। हालांकि इस व्रत (karwa chauth vrat) के दौरान महिलाओं को कुछ बातों का विशेष ध्यान भी रखना चाहिए, वरना इस व्रत में हुई जरा सी भी चूक के चलते इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

जी हां, यहां हम उन्ही सावधानियों के बारे में बात कर रहे हैं, जोकि करवाचौथ (karwa chauth vrat) के दौरान व्रती महिलाओं को बरतनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में…

इन रंगों के कपडें भूलकर भी न पहने

करवाचौथ के दिन महिलाओं को अपने वस्त्रों का चुनाव करते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन काले, सफेद, भूरे या नीले रंग के वस्त्र न पहने। इस दिन महिलाओं को लाल, पीला या नारंगी के रंग के कपड़े की पहनने चाहिए।

घर के सदस्यों को नींद से न जगाएं

जी हां, धार्मिक मान्यताओं की माने तो करवाचौथ की व्रती महिलाओं को इस दिन घर के किसी सदस्य को नींद से नहीं जगाना चाहिए। दरअसल, ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

मन, वचन और कर्म से न करें किसी का अहित

करवाचौथ का व्रत रखने के दौरान महिलाओं को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वो मन, वचन और कर्म से किसी का अहित न करें।

किसी भी सफेद वस्तु का दान न करें

वहीं करवाचौथ का व्रत (karwa chauth vrat) रखने वाली महिलाओं को इस दिन किसी भी सफेद वस्तु जैसे कि चावल, सफेद कपड़े, दूध, दही और सफेद मिठाई का दान नहीं करना चाहिए।

नुकीली चीजों के प्रयोग से बचें

इसके अलावा करवाचौथ के व्रत वाले दिन महिलाओं को सुई-धागे या किसी भी नुकीली चीज के प्रयोग से बचना चाहिए।

ये है करवाचौथ की सही पूजा विधि

अब बात करें करवाचौथ की सही पूजा विधि की तो इस दिन भोर में उठकर सबसे पहले व्रत का संकल्प ले सरगी खानी चाहिए। जिसमें आप फल, दूध और मेवे ले सकती हैं। इसके बाद सूर्योदय होने पर स्नान ध्यान और दैनिक कार्यों से निवृत होकर चौथ माता की पूजा से दिन की शुरूआत करें। इसके बाद पूरे दिन आपको निर्जल व्रत रखना है। फिर संध्या होने पर डूबते सूर्य की पूजा करें और फिर रात्रि में चंद्रमा उगने के साथ ही उन्हे जल का अर्ध्य देने होता है। लेकिन इससे पहले आपको घर के आंगन में चौक बना कर माता चौथ या मा गौरी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा करनी चाहिए।

इस पूजा में आप धूप-बत्ती, फूल, अक्षत, नैवेद्य, गंगाजल, पंचामृत और रोली आदि से माता चौथ की पूजा करें। साथ ही उन्हें पूरी-हलवे या खीर का भोग चढ़ाएं। इसके बाद चंद्रमा के उदय होने पर चंद्र को देखते हुए पति के दर्शन कर आप उन्ही के हाथों व्रत तोड़े। इस तरह से विधिवत पूजा रखने से आपको करवाचौथ व्रत का पूरा फल मिलेगा।

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