अध्यात्म

जानिए कब है काल भैरव जयंती? इसका महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

भगवान भोलेनाथ के रूद्र अवतार काल भैरव माने जाते हैं, काल भैरव तंत्र-मंत्र के देवता माने गए हैं, ऐसा बताया जाता है कि जो व्यक्ति काल भैरव की पूजा आराधना करता है उसको भूत प्रेत जैसी समस्याएं नहीं परेशान करती है, आपको बता दें कि इस वर्ष भगवान शिव जी के पांचवे रूद्र अवतार माने जाने वाले काल भैरव जी की जयंती 19 नवंबर 2019 को है, शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था, काल भैरव जी का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, इसी वजह से इनकी पूजा-अर्चना भी आधी रात को होती है।

काल भैरव जयंती 2019 का शुभ मुहूर्त

19 नवंबर 2019 को काल भैरव जयंती तिथि है, 19 नवंबर 2019 शाम 3:43 बजे से अष्टमी तिथि प्रारंभ है और अष्टमी तिथि का समापन 20 नवंबर 2019 दोपहर 1:41 बजे तक रहेगा।

काल भैरव जयंती का महत्व

भगवान भोलेनाथ के रुद्र अवतार काल भैरव का जन्म काल भैरव जयंती के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन को काल भैरव अष्टमी और काल भैरव जयंती के नाम से भी लोग जानते हैं, काल भैरव भगवान शिव जी के एक प्रचंड रूप माने गए हैं, अगर हम शास्त्रों के अनुसार देखें तो काल भैरव जयंती पर अगर कोई व्यक्ति इनकी पूजा-अर्चना करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, काल भैरव तंत्र मंत्र के देवता है और इनकी पूजा करने से भूत प्रेत की बाधाएं दूर होती है।

काल भैरव जयंती पर इस विधि से करें पूजा

  • अगर आप काल भैरव जयंती पर भगवान काल भैरव की पूजा कर रहे हैं तो इस दिन व्यक्ति को सुबह के समय जल्दी उठकर नहाने के पश्चात साफ कपड़े पहनने चाहिए इसके पश्चात पितरों का तर्पण और पूजा करें।
  • आपको बता दें कि काल भैरव का जन्म आधी रात को हुआ था, इस वजह से इनकी पूजा भी रात के समय की जानी चाहिए, आप काल भैरव की पूजा के साथ-साथ शिव पार्वती जी की पूजा भी एक साथ कीजिए।
  • आप आधी रात को काल भैरव की पूजा के दौरान इनको काले तिल, उड़द और सरसों का तेल अर्पित करें, इसके पश्चात आप काल भैरव मंत्रों का जाप कीजिए।
  • जब काल भैरव जी की पूजा अर्चना करने के पश्चात आप इनको भोग लगा दे तब उसके पश्चात आप काल भैरव की शंख, नगाड़ा और घंटे से आरती करें।
  • ऐसा माना जाता है कि काला कुत्ता भगवान काल भैरव की सवारी होती है, इसलिए आप भगवान काल भैरव की पूजा करने के पश्चात काले कुत्ते की भी पूजा अवश्य कीजिए और इसकी पूजा करने के पश्चात आप इसको खाने के लिए कुछ ना कुछ अवश्य दें, अगर आपको अपने घर के आस-पास कोई काला कुत्ता नहीं मिल रहा है तो आप इस स्थिति में किसी भी कुत्ते की पूजा कर सकते हैं और उसको खाने के लिए कुछ ना कुछ दे सकते हैं।
  • काल भैरव जयंती की रात को आप भगवान काल भैरव की पूजा अर्चना कर ले तब इसके पश्चात अगले दिन आप किसी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण को काले रंग की चीजों का दान अवश्य कीजिए, अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे काल भैरव आपसे प्रसन्न होंगे और इनका आशीर्वाद आपके ऊपर हमेशा बना रहेगा।

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