अध्यात्म

यह है वो 5 चमत्कारिक शिव मंदिर जहां कदम रखते ही भक्तो की अधूरी मनोकामनाएं हो जाती है पूरी

भगवान शिव जी का सबसे प्रिय महीना सावन आरंभ हो चुका है, यह महीना भगवान शिव जी को अति प्रिय है, सावन के पवित्र महीने में पुरुष और महिलाएं भगवान शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह के उपाय अपनाते हैं और भगवान शिव जी का जलाभिषेक करते हैं, जिनकी भक्ति से महादेव खुश हो जाते हैं उस व्यक्ति के जीवन में कभी भी कोई संकट उत्पन्न नहीं होता है, व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियों से भोलेनाथ छुटकारा दिलाते हैं, अगर कुंवारी लड़कियां सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करती हैं तो उनको मनचाहा वर प्राप्त होता है।

सावन के महीने में शिव मंदिरों के अंदर लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है, हमारे भारत देश में भगवान शिव जी के बहुत से मंदिर मौजूद है, जिनकी अपनी कोई ना कोई विशेषता अवश्य है, आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे विशेष शिव मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो अपने आप में बहुत ही खास माने गए हैं और यहां पर जो भी भक्त दर्शन करने आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

सोमनाथ मंदिर, गुजरात

भगवान भोलेनाथ का सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल है, इस स्थान पर लोग पितृगणों के श्राद्ध, नारायण बलि आदि कार्यों के लिए आते हैं, इस तीर्थ स्थल के अलावा इस स्थान पर 3 नदियां हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम देखने को मिलता है, जिनको लोग त्रिवेणी के नाम से जानते हैं।

अमरनाथ धाम, जम्मू कश्मीर

अमरनाथ धाम के बारे में ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान शिव जी स्वयं विराजमान है, अमरनाथ गुफा के अंदर भगवान शिव जी खुद मौजूद है, यहां पर जो लोग अमर अमरनाथ गुफा के अंदर शिवलिंग के दर्शन करते हैं उनको इसके दर्शन मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।

वैद्यनाथ धाम, झारखंड

भगवान शिव जी का वैद्यनाथ धाम अपने आप में बहुत ही खास माना जाता है, इस मंदिर की खासियत यह है कि इसके शिखर पर त्रिशूल के बजाय पंचशील है, वैसे तो इस मंदिर के अंदर वर्ष भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, वर्ष भर इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है परंतु सावन के पवित्र महीने में इस मंदिर के अंदर लोग भारी संख्या में मौजूद होते हैं, इस मंदिर के अंदर सावन माह के दौरान केसरिया रंग के वस्त्र पहने शिव भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है।

केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड

केदारनाथ मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इस स्थान पर महाभारत का युद्ध जीतने के पश्चात पांडव भाई अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव जी का आशीर्वाद लेने के लिए आए थे, भगवान शिव जी गुस्सा होकर केदार में छुपकर बैल के रूप में अन्य पशुओं के संग मिल गए थे परंतु पांडवों ने भगवान शिव जी को ढूंढा और उनको मना लिया था, उसी समय से भगवान शिवजी बैल की पीठ की आकृति पिंड के रूप में केदारनाथ मंदिर के अंदर पूजे जाते हैं, इस मंदिर के प्रति लोगों का अटूट विश्वास देखने को मिलता है।

काशी विश्वनाथ, उत्तर प्रदेश

भगवान शिव जी का प्रसिद्ध मंदिर काशी विश्वनाथ भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, ऐसा बताया जाता है कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, यहां पर भगवान शिव जी अपने सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं, जो भक्त यहां पर अपने कदम रखता है उनकी सभी तकलीफ दूर हो जाती हैं, उन लोगों को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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