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जब निर्धन लड़की ने मोदी को लिखा पत्र- मेरी सिस्टर की शादी है प्लीज आप जरूर आना, जानिये क्या मिला जवाब

पीएम मोदी जी, मेरी सिस्टर की शादी 29 दिसंबर को है मैं आपको अपनी सिस्टर की शादी का इनविटेशन भेज रही हूं आप जरूर आना, प्लीज आप जरूर आना, आपकी सिस्टर सुखो रानी, गांव-अजीत नगर, स्टेट-हरियाणा

उपरोक्त 5 पंक्तियों को पढ़कर आपके मन में यही विचार आ रहा होगा कि आखिर यह सुखों कौन है? जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को अपनी सिस्टर की शादी के लिए इनवाइट कर रही है, तो चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं दरअसल, यह पांच पंक्तियों वाला निमंत्रण पत्र 10 वीं कक्षा की छात्रा ने भेजा है अब सवाल यह आता है कि आखिर इस छात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को अपनी सिस्टर की शादी में क्यों बुलाया है आखिर इस लड़की का क्या उद्देश्य हो सकता है? तो चलिए इस बारे में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी देते हैं।

यहां पर अपेक्षा की गई है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से और उनके कार्यालय से, इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि दो ढाई साल पहले इसी गांव की एक अन्य बेटी हरप्रीत कौर के पत्र पर संज्ञान लेते हुए पीएमओ ने राज्य सरकार को गांव का नाम “गंदा” से अजीत नगर करने के आदेश दिए थे अब उसी गांव की बेटी सुखो रानी को प्रधानमंत्री से उम्मीद है कि वह गांव में आठवीं से आगे की शिक्षा की व्यवस्था करवाने के उद्देश्य जारी कर देंगे हालांकि प्रधानमंत्री को भेजे गए निमंत्रण पत्र में सुखो रानी ने गांव से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर दूर मढ़ जा कर दसवीं की शिक्षा प्राप्त करने के बारे में नहीं लिखा है परंतु उनका कहना है कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को राखी भेजी थी उसके अंदर शिक्षा व्यवस्था नहीं होने का दर्द बयां किया था अब उनको भाई माना है तो वह अवश्य आएंगे वहीं आकर अन्य बहन बेटियों की समस्या का हल करेंगे।

इस गांव का शासन तंत्र गांव में सीनियर सेकेंडरी तक के स्कूल की समस्या पर गौर नहीं देते हैं इसलिए यह विचार इसके मन में आया कि इस विषय में पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत करवाया जाए? अपनी बड़ी बहन की शादी में उनको आमंत्रित किया जाए बस यही सोच कर सुखो ने 8 दिन पहले डाक के माध्यम से पत्र भेजा था इसके पश्चात सूखो ने फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया के जरिए इसके बारे में बताया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से उम्मीद यही की जा रही है कि यह गांव का नाम जरूर बदलेंगे और यहां पर स्कूल बनवाने का आदेश पारित करेंगे।

सूखो के पिता का अपनी बेटी के लिखे गए इस पत्र पर कहना है कि सुखो बचपन से ही संवेदनशील है और यह जिज्ञासु भी है आखिर प्रधानमंत्री हमारी बेटी के विवाह में क्यों आएंगे, परंतु अगर प्रधानमंत्री जी ने इस गांव के अंदर स्कूल की व्यवस्था करवा दी तो बेटी का मान-सम्मान रह जाएगा आपको बता दें कि बलविंदर सिंह मजदूरी करते हैं और इनकी तीन बेटियां हैं।

ऐसे बदला था गांव का नाम

दरअसल, इस गांव की बेटी हरप्रीत कौर उन दिनों सातवीं कक्षा में पढ़ रही थी हरप्रीत कौर ने 8 जनवरी को अपने स्कूल की सहपाठियों के हस्ताक्षर सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखा था पीएमओ ने इस पर संज्ञान लिया और राज्य सरकार को गांव का नाम गंदा से अजीत नगर करने के आदेश दिए थे एक लंबी प्रक्रिया के पश्चात जून 2016 में गांव का नाम बदल दिया गया था वैसे इस गांव की बेटियों पर सबको नाज है पहले हरप्रीत कौर और अब सुखो रानी ने इतनी छोटी उम्र में जो किया है वह काबिले तारीफ है वैसे गांव में सीनियर सेकेंडरी लेवल तक स्कूल तो जरूर होना चाहिए ताकि उस गांव के बच्चों को पढ़ाई करने के लिए ज्यादा दूर ना जाना पड़े।

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