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हेडफोन लगाने से पहले जरूर जान लें ये बाते, वरना पूरी जिंदगी पछताएंगे

टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में हर कोई हर समय खुद को इसी में व्यस्त रखता है। यही वजह है कि आजकल लोगों की लाइफलाइन कम होती जा रही है। लोग इसे अपने लिए वरदान समझते हैं, लेकिन सच्चाई तो यही है कि ये लोगों की लाइफ को धीरे धीरे करके खोखला बना रहा है। युवा पीढ़ी तो इसके चंगुल में बुरी तरह से फंस चुकी है। पर आजकल के बच्चे भी इससे खुद को दूर नहीं रख पाते हैं। ऐसे में माता पिता को चाहिए कि वो अपने बच्चे को इन सब चीजों को दूर ही रखे।

आज हम आपको हेडफोन के बारे में बताने जा रहे हैं। आपने भागदौड़ भरी जिंदगी में आपने अक्सर हर किसी को हेडफोन लगाते हुए देखा ही होगा। लोग सफर के दौरान भी हेडफोन लगाकर रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हेडफोन की वजह से आपकी लाइफ काफी खत्म होने के कगार पर पहुंच सकती है। आपको इसका ज्यादा प्रयोग नहीं करना चाहिए। आज हम आपको हेडफोन से होने वाले नुकसान से रूबरू कराएंगे।

विज्ञान ने हमारी लाइफ को आसान बना दिया है। आसान के साथ साथ हमारी लाइफ खोखली भी हो चुकी है। कई लोग हेडफोन लगाकर खूब गाने सुनते हैं। तो कई लोग वीडियो भी देखते हैं। ये सारी आदते आपको बीमारियों के मुंह में लेकर जाती है। अगर आप भी हेडफोन के शौकीन है, तो अभी से सावधान हो जाइये, वरना अंजाम बहुत ही बुरा हो जाता है। आज हम आपको हेडफोन का बॉडी पर क्या असर पड़ता है, इससे रूबरू कराएंगे।

हेडफोन के नुकसान

तो चलिए अब हम आपको हेडफोन के नुकसान के बारे में बताएंगे, जिससे आप खुद को स्वस्थ रख सके और हेडफोन के चंगुल से खुद को बचा सके।

1.लगातार या ज्यादा समय तक हेडफोन लगाकर संगती सुनने से कान में संक्रमण हो सकता हैं। इसकी वजह से आपके कानों में लंबे समय तक दर्द बन सकता है। और यह दर्द दवाईयो से नहीं जाता है, बल्कि एक लंबे अवधि तक ये आपको परेशान करता रहता है।

2.हेडफोन लगाकर अगर आप फुल आवाज में संगीत सुनते हैं, तो यह आपके लिए घातक हो सकता है। यह आपको बहरा बना देती है, क्योकि मनुष्य 70 डेसिबल ध्वनी को सहन कर सकता लेकिन हेडफोन से 150 से ज्यादा ध्वनी निकलती है। ऐसे में आपको संगीत कम आवाज में सुनना चाहिए।

3.आपका दिमाग कमजोर हो जाता है।  जी हां, लगातार हेडफोन लगाने का असर सीधे आपके दिमाग पर पड़ता है। जिसकी वजह से आपको माइग्रेन में भी हो सकता है। इतना ही नहीं,  हेडफोन लगाकर संगीत सुनने से सोचने समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से भूलने की आदत पड़ जाती है।

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