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केरल में भयानक बाढ़ और बारिश के बीच कुत्ते ने अपनी समझदारी से बचायी पूरे परिवार की जान

समय-समय पर प्राकृतिक आपदाएँ लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त करके रख देती हैं। पहले की तुलना में अब ज़्यादा ही प्राकृतिक आपदाएँ हो रही हैं। इसके पीछे किसी और का नहीं बल्कि इंसानों का ही हाथ है। प्राकृतिक आपदाओं में बाढ़, सूखा, सुनामी, भूकम्प प्रमुख हैं। जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो लाखों लोगों का जीवन इससे प्रभावित होता है। कई लोगों का पूरा परिवार बिखर जाता है। प्राकृतिक आपदा की वजह से जान-माल की काफ़ी हानि भी होती है।

केरल में इस समय भयानक बाढ़ का प्रकोप है। लगातार भारी बारिश की वजह से केवल की जनता को भयंकर बाढ़ का सामना कारण पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार भयंकर बाढ़ की वजह से लगभग 30 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और 35 हज़ार से ज़्यादा लोगों को राहत कैम्पों में जाना पड़ा है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएँगे। आप समझ जाएँगे कि जिसको भगवान बचाना चाहता है, उसका कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता है।

आप तो यह बात जानते ही हैं कि कुत्ते इंसानों के सबसे वफ़ादार पालतू होते हैं। सदियों से ये इंसानों की रखवाली करते आए हैं और समय-समय पर इंसानों की जान भी बचाते रहे हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला केरल में देखा गया है। जानकारी के अनुसार केरल के इडुक्की जिले में रहने वाले मोहनन पी का परिवार गुरुवार को सो रहा था। रात में लगभग 3 बजे उनका कुत्ता रॉकी ज़ोर ज़ोर से भौंकने लगा। मोहनन ने सोचा कि यह सामान्य बात होगी। कुत्ता हर रोज़ इसी तरह भौंकता था, लेकिन कुछ देर बाद चुप हो जाता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और कुत्ते की आवाज़ थोड़ी देर में और तेज़ हो गयी।

एक रिपोर्ट के अनुसार कुत्ते के ज़ोर-ज़ोर से भौंकने की वजह से परिवार के लोगों को सोने में दिक़्क़त होने लगी। तभी अचानक से परिवार के लोगों को लगा कि हो ना हो कुछ ग़लत हो रहा है। यह देखकर थोड़ी देर बाद मोहनन घर से बाहर आए और उन्हें ख़तरे का अंदेशा हो गया। मोहनन ने अचानक से परिवार के सभी लोगों को बाहर बुलाया। इसके बाद जो हुआ वह देखकर मोहनन और उसके परिवार वालों की साँसे जम गयी। दरअसल घर से बाहर निकलने के कुछ ही देर बाद मोहनन का पूरा घर लैंडस्लाइडिंग की वजह से ज़मीन के अंदर समा गया।

इस घटनाके बाद सभी लोग कह रहे हैं कि अगर कुत्ते से समय पर संकेत नहीं दिया होता तो अनर्थ हो जाता। कुत्ते की वजह से ही मोना का पूरा परिवार आज ज़िंदा है। घर ज़मीन में धसने के बाद मोहनन का पूरा परिवार और जान बचाने वाला कुत्ता सरकारी राहत कैम्प में हैं। दुर्भाग्य की बात ये है कि उसी घर की ऊपरी मंज़िल पर रहने वाले एक बुज़ुर्ग दम्पति के पास मोहनन जैसा कुत्ता नहीं था, जो उन्हें समय पर सचेत कर पाता। ज़मीन में मकान धसने की वजह से बुज़ुर्ग कपल भी ज़मींदोज़ हो गए।

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