अध्यात्म

महाभारत के ये सबक सबको जानना है जरूरी, समझ गए तो जिंदगी का फैसला लेने में होगी आसानी

पहले की महाभारत और आजकल की महाभारत में काफी फर्क है, वर्तमान समय में हर किसी व्यक्ति को अपने जीवन काल में कदम कदम पर कई तरह के युद्ध करने पड़ जाते हैं, जब व्यक्ति का जीवन ठीक प्रकार से व्यतीत होता है तो उसको किसी बात की चिंता नहीं रहती है परंतु जैसे ही व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयां उत्पन्न होती है तो उसको इस स्थिति में कठिन फैसला लेना लगभग काफी मुश्किल हो जाता है, कई सालों पहले लिखी गई महाभारत की कहानियों को हर युग में तरह तरह के लोग कई तरीकों से अभिव्यक्त करते रहे हैं, महाभारत में ऐसी बहुत सी जरूरी बातों का उल्लेख किया गया है जिनको अगर व्यक्ति समझता है तो उसके जीवन के लिए बहुत ही अच्छा साबित होगा।

महाभारत में ऐसी कई बातों का जिक्र मिलता है जो कलयुग में भी सच साबित होते हुए नजर आ रहे हैं, आज हम आपको महाभारत के कुछ ऐसे सबक के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिनको जानना सभी लोगों के लिए बहुत ही आवश्यक है, अगर आप यह सभी बातें समझ जाएंगे तो आपको अपनी जिंदगी के कठिन फैसले लेने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी, आप अपने जीवन के फैसले आसानी से ले सकते हैं।

महाभारत के ये सबक सबको जानना है जरूरी

  • महाभारत से हमें एक बहुत ही अच्छा सबक मिलता है कि कभी भी व्यक्ति को अधूरा ज्ञान प्राप्त नहीं करना चाहिए, अधूरा ज्ञान हमेशा खतरनाक साबित होता है, जिस प्रकार अभिमन्यु ने अधूरा ज्ञान प्राप्त किया था, अभिमन्यु को सिर्फ इतना पता था कि चक्रव्यूह में किस प्रकार प्रवेश किया जाए परंतु चक्रव्यूह से बाहर निकलने की जानकारी उसको नहीं मालूम थी, जिसकी वजह से उसको अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ा था, अभिमन्यु इतना बहादुर था लेकिन उसके बाद भी वह अपनी रक्षा नहीं कर पाया था।

  • व्यक्ति को अपने जीवन में कभी भी किसी चीज को लेकर लालच नहीं करना चाहिए अगर महाभारत काल में धर्मराज युधिष्ठिर लालच में ना आते तो महाभारत का भीषण युद्ध टाला जा सकता था, जुए में शकुनि ने युधिष्ठिर के लालच को समझ लिया था और उनसे सभी राज पाठ और धन दौलत छीन ली थी, इतना ही नहीं बल्कि जुए में तो उनकी पत्नी द्रौपती को भी जीत लिया था।
  • व्यक्ति को अपने मन में कभी भी बदले की भावना नहीं लानी चाहिए क्योंकि महाभारत के युद्ध के होने का मुख्य कारण बदले की भावना थी, पांडवों को बर्बाद करने की सनक कौरवों से उनका सब कुछ छीन लिया था, महाभारत के युद्ध में बड़े बुजुर्ग और बच्चे तक को अपनी जान गवानी पड़ी थी, महाभारत के युद्ध में द्रोपदी के पांचों पुत्र सहित अर्जुन पुत्र अभिमन्यु की भी जान चली गई थी।

  • व्यक्ति को हर हाल में अपनी दोस्ती निभानी चाहिए, जिस प्रकार महाभारत में कृष्ण और अर्जुन की दोस्ती का जिक्र मिलता है, भगवान श्री कृष्ण जी ने पांडवों को युद्ध में विजय दिलाया था, महाभारत का युद्ध जीतने में कृष्ण जी का बड़ा सहयोग था, भगवान श्री कृष्ण जी ने द्रोपदी की लाज भी बचाई थी, जब द्रोपति के पति जुए में हार गए थे तब वह द्रोपदी को अपने सामने बेइज्जत होते हुए देखने में मजबूर हो गए थे, परंतु तब श्री कृष्ण जी ने इस दौरान द्रोपति की इज्जत बचाई थी।

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