अध्यात्म

राशि के अनुसार जानें विशेष फल पाने के लिए सावन में आपको किस ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए सावन के महीने में शिवपूज का बहुत ज़्यादा महत्व होता है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार अगर व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करता है तो उसे विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके लिए ज़रूरी नहीं है कि आपको उस स्थान पर जाना ही पड़े। आप ज्योतिर्लिंगों की पूजा अपने घर के नज़दीकी किसी शिमंदिर से भी कर सकते हैं। वहाँ जाकर अपनी राशि के अनुसार ज्योतिलिंग का ध्यान करते हुए पूजा करें। जानिए सावन में आपनी राशि के अनुसार आपको किस ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए।

सावन में अपनी राशि के अनुसार करें इन ज्योतिर्लिंगों की पूजा:

*- मेष राशि-सोमनाथ ज्योतिर्लिंग:

 

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ जी हैं। सावन के महीने में मेष राशि के लोगों को इन्ही की आराधना करनी चाहिए। इससे इस राशि वाले लोगों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं। सोमनाथ की पूजा करते समय ‘ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं’ मंत्र का जाप ज़रूर करना चाहिए।

*- वृष राशि-मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग:

 

दूसरा ज्योतिर्लिंग भगवान मल्लिकार्जुन का है। वृष राशि के स्वामी मल्लिकार्जुन की पूजा इस राशि के लोगों को करनी चाहिए। मल्लिकार्जुन शैल पर्वत पर स्थित हैं। वृष राशि के लोगों को सावन महीने के हर सोमवार को भगवान मल्लिकार्जुन की पूजा-अर्चना ओम् नमः शिवाय मंत्र के साथ करनी चाहिए। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

*- मिथुन राशि-महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग:

 

तीसरा ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर का है। ज्योतिष की तीसरी राशि मिथुन को सावन में पड़ने वाले हर सोमवार को महाकालेश्वर का ध्यान करना चाहिए। इनकी पूजा करते समय ॐ नमो भगवते रुद्राय मंत्र का जाप करना चाहिए। भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग उज्जैन में स्थित है।

*- कर्क राशि-ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग:

 

भगवान शिव का चुआठा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर है। यह मध्यप्रदेश के नर्मदा तट पर स्थित है। कर्क राशि के लोगों को सावन के महीने में ओंकारेश्वर की ही पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इनकी पूजा करते समय ॐ हौं जूं सः मंत्र का पाठ करना चाहिए।

*- सिंह राशि-वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग:

 

12 ज्योतिर्लिंगों में से वैद्यनाथ पाँचवें नम्बर पर है। सिंह राशि के जातकों को सावन के महीने में वैद्यनाथ की ही पूजा-अर्चना करनी चाहिए। पूजा करते समय अन्य पूजा संग्री के साथ भांग, धातुरा चढ़ाना बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। इनकी पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ‘ओम त्र्यंबकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम। उर्वारूकमिव बन्ध्नान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।’ का जाप फलदायी होता है।

*- कन्या राशि-भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग:

 

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थित है। कन्या राशि के जातकों को सावन के महीने में इन्ही की पूजा-अर्चना कर्रणी चाहिए। भीमाशंकर को प्रसन्न करने के लिए दूध में घी मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इनकी पूजा करते समय ॐ नमो भगवते रुद्राय मंत्र का जाप ज़रूर करें।

*- तुला राशि-रामेश्वर ज्योतिर्लिंग:

 

त्रेतायुग में भगवान राम ने तमिलनाडु में रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। तुला राशि के लोगों को रामेश्वर की पूजा-आराधना करनी चाहिए। इस राशि के लोग दूध में बताशे मिलाकर शिवलिंग को अर्पित करें। आक का फूल भी अर्पित करना शुभ माना जाता है। रामेश्वर की पूजा करते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप ज़रूर करें।

*- वृश्चिक राशि-नागेश्वर ज्योतिर्लिंग:

 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग को 12 में से आठवें ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है। यह गुजरात के द्वारका में स्थित है। वृश्चिक राशि के लोगों को इसी ज्योतिर्लिंग का ध्यान करना चाहिए। दूध, लावा से शिवलिंग का अभिषेक करें साथ ही गेंदे का फूल और बेलपत्र भी अर्पित करें। इस ज्योतिर्लिंग का ध्यान करते समय ‘ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं’ मंत्र का जाप करें।

*- धनु राशि-विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग:

 

भगवान शिव का नौवाँ ज्योतिर्लिंग वाराणसी में विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से स्थित है। धनु राशि के लोगों को भगवान शिव के इसी ज्योतिर्लिंग का ध्यान करते हुए शिवलिंग का गंगाजल में केसर मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का ध्यान करते हुए ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।’ मंत्र का पाठ ज़रूर करें।

*- मकर राशि-त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग:

 

मकर राशि के लोगों को सावन के महीने में महाराष्ट्र के नासिक में स्थित भगवान शिव के त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की आराधना करनी चाहिए। इस राशि के लोग जल में गुड़ मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके साथ ही नीले रंग के फूल और धतूरा अर्पित करते हुए त्रयंबकेश्वर ज्योतिलिंग का ध्यान करते हुए ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

*- कुम्भ राशि-केदारनाथ ज्योतिर्लिंग:

 

कुम्भ राशि के जातकों को उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ की पूजा करनी चाहिए। किसी भी शिवमंदिर में शिवलिंग की पूजा पंचामृत, कमल के फूल और धतूरे से करते हुए केदारनाथ जी का ध्यान करें और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

*- मीन राशि-घुष्मेश्वर ज्योतिर्लिंग:

 

भगवान शिव का 12हवां और अंतिम ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घुष्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से स्थित है। मीन राशि के जातकों को इसी ज्योतिर्लिंग का ध्यान करते हुए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर गाय का घी, शहद अर्पित करते हुए घुष्मेश्वर ज्योतिर्लिंग का ध्यान करें। इसके साथ ही ‘ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्र प्रचोदयात।’ मंत्र का भी जाप करें।

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