अध्यात्म

गाय का गोबर और गौ शाला देखने से मिलती है पुण्य की प्राप्ति, जानें गरुड़ पुराण की कुछ ख़ास बातें

किसी भी व्यक्ति के जीवन में हर पल एक जैसा नहीं होता है। हर व्यक्ति को जीवन में सुख-दुःख दोनो पलों को समान रूप से देखना पड़ता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार सुख-दुःख व्यक्ति के कर्म के हिसाब से मिलता है। जो व्यक्ति जीवन में अच्छे कर्म करता है, उसके जीवन में सुख ही सुख होता है, जबकि वहीं जो व्यक्ति जीवन में हमेशा बुरे कर्म करता है, उसे पल-पल जीवन के हर मोड़ पर दुखों का सामना करना पड़ता है। सुख और दुःख दोनो एक ही गाड़ी के पहिए हैं।

कुछ लोग हैं जिन्हें धर्म की बातों पर यक़ीन नहीं है। वो अच्छे-बुरे में फ़र्क़ किए बग़ैर काम करते हैं। उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता है कि कौन सा कर्म अच्छा है और कौन सा कर्म बुरा है। जबकि जो व्यक्ति धार्मिक होता है, वह अच्छे-बुरे कर्मों के बारे में सबसे पहले सोचता है। इसीलिए वह बुरे कर्म करने से दूर रहता है। पुण्य कमाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। जबकि अगर व्यक्ति बुरे कर्म करना छोड़कर अच्छाई के मार्ग पर चलने लगे तो किसी उपाय की ज़रूरत नहीं पड़ती है।

देखने से ही मिलो जाता है पुण्य फल:

हिंदू धर्मशास्त्रों में ज्ञान की कई बातें बताई गयी हैं। कुछ ऐसे कामों के बारे में भी बताया गया है, जिसे करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। लेकिन गरुड़ पुराण एक ऐसा धर्मग्रंथ है, जिसमें कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में बताया गया है, जिसे केवल एक नज़र देख लेने से ही व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति हो जाती है। इन चीज़ों का दिखना बहुत ही शुभ होता है।

श्लोक:

गोमूत्रं गोमयं दुन्धं गोधूलिं गोष्ठगोष्पदम्।
पक्कसस्यान्वितं क्षेत्रं द्ष्टा पुण्यं लभेद् ध्रुवम्।।

अर्थ:

गोमूत्र, गोबर, गाय का दूध, गोधूली, गौशाला, गोखुर और पकी हुई फ़सल को देखने मात्र से ही पुण्य फल मिलता है।

*- गोमूत्र:

हिंदू धर्मग्रंथों में गोमूत्र को बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इसमें गंगा का वास होता है। गोमूत्र को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

*- गोबर:

अक्सर आपने देखा होगा कि जब भी कोई शुभ कार्य या पूजा होती है तो उस स्थान को गोबर से लीपा जाता है। आज भी गाँवों में पूरे घर को गोबर से लीपा जाता है। शास्त्रों के अनुसार किसी भी अपवित्र स्थान को पवित्र करने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है। गरुड़ पुराद के अनुसार गोबर को देखने मात्र से ही पुण्य मिलता है।

*- गाय का दूध:

कलयुग में गाय के दूध को किसी अमृत से कम नहीं माना गया है। इसलिए ऐसा माना गया है कि जो भी गाय के दूध को केवल देख लेता है, उसे पुण्य फल मिलता है।

*- गोधूली:

गाय अपने पैरों से जिस ज़मीन को खोदती है, वहाँ की ज़मीन से धूल निकलती है, उसे ही गोधूली कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह भी बहुत शुभ होता है।

*- गौशाला:

जिस जगह पर गायों को रखा जाता है, उस जगह को गौशाला कहा जाता है। जो लोग गाय की सेवा किसी वजह से नहीं कर पाते हैं, अगर वो लोग केवल गौशाला के दर्शन ही कर लें तो उन्हें पुण्य मिल जाता है।

*- गाय का खुर:

गाय के पैरों के नीचे वाली जगह को खुर कहा जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का निवास माना गया है। इसलिए इसके खुर के दर्शन मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति हो जाती है।

*- पकी हुई फ़सल:

कहा जाता है कि खड़ी फ़सल सम्पन्नता का प्रतीक होता है। इससे कई लोगों का पेट भरता है। गरुड़ पुराण के अनुसार पकी हुई फ़सल के खेत को देखने से पुण्य लाभ मिलता है।

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