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अकबर और बीरबल की कहानी: जो जिसका होता है वो उसकी को मिलता है

एक दिन अकबर के दरबार में दो किसान आते हैं और ये दोनों किसान एक आम के पेड़ पर अपना दावा करते हैं। पहला किसान अकबर से कहता है, महाराज हम दोनों के घर के पास एक आम का पेड़ है, जो कि मेरा है। तभी दूसरा किसान बोलता है नहीं महाराज ये झूठ बोल रहा है। वो पेड़ मेरा है और मैं उस पेड़ की देख-रेख करता हूं। इन दोनों किसानों की बात सुनने के बाद अकबर इन दोनों के घरों के पास रहने वाले लोगों को बुलाते हैं। इन दोनों किसानों के पड़ोसियों से अकबर पूछते हैं। क्यों आप लोग मुझे ये बात सकते हैं कि आम का पेड़ किसका है ? इन दोनों किसानों के पड़ोसी अकबर से कहते हैं, महाराज हमने इन दोनों को पेड़ की देखभाल करते हुए देखा है। इसलिए ये बात पाना मुश्किल है कि आखिर इन दोनों में से उस पेड़ का असली मालिक कौन हैं।

अकबर को समझ नहीं आ रहा होता है कि आखिर इन दोनों किसानों में से सच कौन बोल रहा है। तभी दरबार में बीरबल आते हैं और अकबर बीरबल को अपने पास बुलाकर कहते हैं, इन दोनों ने एक आम के पेड़ पर अपना-अपना दावा किया है क्या तुम ये पता लगा सकते हो की आखिर इन दोनों में से आम के पेड़ का मालिक कौन है? अकबर की बात सुनने के बाद बीरबल कहते हैं, महराज इन दोनों किसानों में से जो सबसे ज्यादा आम के पेड़ को प्यार करता है वो ही पेड़ का मालिक है। अकबर बीरबल से कहते हैं ये कैसे पता चल सकेगा की इन दोनों में से कौन आम के पेड़ को अधिक प्यार करता है? बीरबल कहते हैं ये मैं आपको कल बात सकता हूं। ये कहकर बीरबल दरबार से चले जाते हैं और एक सिपाही के पास जाकर कहते हैं, तुम रात को इन दोनों किसानों के घर में जाना और इनसे कहना की आपके पेड़ को कोई काट रहा है। ये कहने के बाद तुम छुपकर ये देखना की ये दोनों किसान क्या करते हैं। बीरबल की आज्ञा को मानते हुए सिपाही पहले किसान के घर जाता है और उसकी पति से कहता है तुम्हारे पति कहा हैं? किसान की पत्नी कहती है वो सो रहे हैं। सिपाही किसान की पत्नी से कहता है, कोई तुम्हारे आम के पेड़ को काट रहा है। ये सुनकर किसान पत्नी अपने पति को जगाने लग जाती है और कहती है, सुनो कोई आम के पेड़ को काट रहा है। किसान अपनी पत्नी से कहता, मैं सो रहा हूं। मुझे सोने दो और वैसे भी वो पेड़ हमारा नहीं है। किसान की ये बात सिपाही सुन लेता हैं।

फिर सिपाही दूसरे किसान के घर जाता है और किसान की पत्नी से कहता है, कोई आपका आम का पेड़ काट रहा है। दूसरे किसान की पत्नी भागते हुए अपने पति के पास जाती है और उसे जाकर बोलती है, सुनो कोई हमारा आम का पेड़ काट रहा है। ये सुनते ही दूसरा किसान फौरन उठ जाता है और लाठी लेकर पेड़ की रक्षा करने के पेड़ के पास जाता है। मगर पेड़ के पास कोई भी नहीं होता है।

अगले दिन बीरबल इन दोनों किसानों के सामने अकबर को पूरी बात बताते हैं और कहते हैं, महाराज दूसरे वाला किसान आम के पेड़ से प्यार करता है। इसलिए वो ही आम के पेड़ का असली मालिक है।

कहानी से मिली शिक्षा – कभी भी किसी और की चीज पर अपना हक नहीं जताना चाहिए, जो जिसका होता है वो उसकी को मिलता है।

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