अध्यात्म

चामुंडा देवी शक्ति पीठ जहां सभी मनोकामनाएं होती है पूरी, देवी ने चंड-मुंड का यहीं किया था नाश

देशभर में मौजूद मंदिरों के प्रति लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे बहुत से स्थान है जहां पर बहुत से चमत्कारिक मंदिर मौजूद हैं और इन मंदिरों में होने वाले चमत्कारों के आगे लोगों का विश्वास देखने को मिलता है, वैसे देशभर में बहुत से मंदिर मौजूद है और इन सभी मंदिरों की अपनी अपनी खासियत है जिसकी वजह से विश्व भर में यह मशहूर हैं, इन मंदिरों में होने वाले चमत्कारों को देखने के लिए लोग दूर-दूर से भारी संख्या में आते हैं, जैसा कि आप लोग जानते हैं हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा जाता है इस स्थान को देवताओं के निवास स्थान के रूप में भी लोग जानते हैं, हिमाचल प्रदेश के अंदर 2000 से भी अधिक मंदिर मौजूद है और इन मंदिरों में से ज्यादातर विशेष आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं, इन्हीं मंदिरों में से एक सबसे मशहूर मंदिर चामुंडा देवी का मंदिर है, चामुंडा देवी का यह मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा जिले में स्थित है और इसको 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, इस मंदिर में चामुंडा देवी के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है।

चामुंडा देवी मंदिर में श्रद्धालु आकर यहां भर भक्ति भाव के साथ चामुंडा देवी के चरणों में फूल अर्पित करते हैं ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु यहां पर अपनी कोई इच्छा मांगता है तो उसकी सभी इच्छाएं अवश्य पूरी होती है, ऐसा बताया जाता है कि यह वही स्थान है जहां चंड मुंड दानवो से माता दुर्गा का युद्ध हुआ था, इसी स्थान पर चंड मुंड देवी दुर्गा से युद्ध करने के लिए आए थे, जिसके पश्चात माता ने काली रूप धारण किया था और चंड मुंड का वध किया था, जब अंबिका की भृकुटि से प्रादुर्भूत काली ने चंड मुंड के सिर को उपहार स्वरुप भेंट किया तो अंबा ने वर दिया कि तुम संसार में चामुंडा नाम से प्रसिद्ध होगी, यहां पर जो भी यात्री आता है वह कई दिनों तक रुकता है और यहां पर यात्रा का भरपूर आनंद उठाता है।

इस मंदिर के प्रति लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है, इस मंदिर का नजारा बहुत ही अच्छा है, यह मंदिर बहुत बड़ा, लंबा और दो मंजिला है, जिसमें प्रथम तल पर ही मां का भव्य मंदिर विराजमान है, मंदिर में एक बड़ा हॉल भी है, जहां पर माता रानी के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रहती है, इस मंदिर में मौजूद मूर्ति के ऊपर एक छोटा सा शिखर है और शेष छत्र सपाट ही है, और इस मंदिर के निचले मंजिले में यात्रियों के स्नान की सुविधा मौजूद है, यहां पर यात्री नहाने के लिए आते हैं, इस मंदिर में प्रसाद की भी सुविधा है, आप इस मंदिर के द्वार से ही प्रसाद खरीद सकते हैं जो शुद्ध होता है, और यह प्रसाद कई दिनों तक सुरक्षित भी रहता है।

इस मंदिर के पीछे गहरी गुफा में एक शंकर मंदिर भी है जिसके अंदर एक बार में सिर्फ एक ही भक्त प्रवेश कर सकता है, इस मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और माता रानी से अपनी परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं, ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त अपने सच्चे मन से माता से कुछ मांगता है तो उसकी सभी मुरादें माता रानी अवश्य पूरी करती है।

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