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मोदी के नाम पर चला रहा था युवक फर्जी योजना, दे रहा था फ्री में लैपटॉप, पुलिस ने किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर फर्जी योजना चलाने वाले एक युवक को हाल ही में गिरफ्तार किया है। इस युवक पर आरोप है कि इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनते ही एक फर्जी वेबसाइट बनाई और इस वेबसाइट के जरिए इस आरोपी युवक ने लोगों का निजी डाटा इकट्ठा किया। दिल्ली पुलिस के अनुसार इन्हें इस बात की सूचना मिली थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर बनी फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है और उन्हें ठगा जा रहा है। जिसके बाद पुलिस ने इस बात की जानकारी स्‍पेशल सेल साइबर क्राइम यूनिट को दी। ये जानकारी मिलने के बाद जब जांच की गई तो पाया कि  www.modi-laptop.wishguruji.com नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनाई गई है। इस वेबसाइट में दो करोड़ लोगों को मोदी सरकार की और से फ्री लैपटॉप देने की बात कही गई है और लोगों की निजी जानकारी इस वेबसाइट के जरिए इकट्ठा की जा रही है। जिसके बाद स्‍पेशल सेल साइबर क्राइम यूनिट ने इस मामले की छानबीन शुरु की और आरोपी को पकड़ लिया।

पुलिस के अनुसार आरोपी युवक का नाम राकेश कुमार है जो कि राजस्‍थान के नागौर शहर का रहने वाला है। राकेश कुमार आईआईटी से पोस्‍टग्रेजुएट है और पोस्‍टग्रेजुएट होने के बाद इसने ये वेबसाइट बनाई थी। पुलिस के मुताबिक जो लोग भी फ्री लेपटॉप लेने की इच्छा जाहिर कर रहे थे, उन्हें पहले अपना रजिस्‍ट्रेशन करने को कहा जा रहा था। रजिस्‍ट्रेशन के नाम पर आरोपी राकेश लोगों की व्यक्तिगत जानकारी मांग रहा था और नौजवानों का पर्सनल डाटा एकत्रित करने में लगा हुआ था।

राजस्थान से हुआ गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार राकेश को पकड़ने के लिए एक एक विशेष टीम का गठन किया और काफी मेहनत के बाद राकेश को पकड़ जा सका। पुलिस के मुताबिक राकेश को राजस्‍थान के नागौर जिले के पंदलोता गांव से गिरफ्तार किया है। इसकी आयु 23 वर्षीय की है और इसने साल 2019 में आईआईटी से पोस्‍टग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी।  पुलिस ने राकेश के पास से मिला एक कंप्यूटर और जरुरी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं और पुलिस के अनुसार इस गुनाह में राकेश का भाई भी उसके साथ शामिल है। दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने राकेश के खिलाफ आईटी एक्‍ट का मामला दर्ज किया है।

2 दिन में आए दो लाख आवेदन

फ्री में लैपटॉप मिलने की योजना से आकर्षित होकर इस वेबसाइट में  2 दिन में काफी ट्रैफिकिंग आई । पुलिस के अनुसार 2 दिनों में इस वेबसाइट पर करीब 15 लाख लोगों ने आवेदन किया और अपना पंजीकरण करवाया । ताकि उन्हें लैपटॉप मिल सके।

फर्जी वेबसाइट के जरिए कमाना चाहता था पैसे

आरोपी राकेश ने पुलिस को बताया कि वो फर्जी योजना के जरिए अपनी वेबसाइट में ट्रैफिकिंग बढ़ाकर विज्ञापन के जरिए पैसे कमाना चाहता था। जबकि पुलिस का कहना है कि आरोपी राकेश फ्री लैपटॉप के लिए आवेदन के नाम पर लोगों का निजी डाटा भी इकट्ठा कर रहा था और इस डाटा को ये साइबर क्रिमिनल्‍स को बेचकर पैसा कमाना चाहता था।

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