कहानी

गुरु-शिष्य की कहानी : कई बार दिल रखने के लिए सच्चाई को छुपाना पड़ता है

एक आश्रम में कई सारे शिष्य रहा करते थे। एक दिन गुरु ने इन सभी शिष्यों को आदेश दिया कि वो जंगल जाकर लकड़ियां ले आएं ताकि लकड़ियों की मदद से आश्रम में कुटिया बनाई जा सके। गुरु का आदेश पाकर सभी शिष्य जंगल से लकड़ियां लाने के लिए चले जाते हैं। जंगल में जाकर हर कोई अच्छी लकड़ियों की खोज में लग जाता है। तभी एक शिष्य को एक पेड़ दिखाई देता है जिसमें फल लगे होते हैं। ये शिष्य पेड़ पर चढ़कर कई सारे फलों को तोड़ लेता है। जब अन्य शिष्य को फल के बारे में पता चलता है तो हर कोई उससे फल मांगने लग जाता है। लेकिन ये शिष्य किसी को भी फल नहीं देता है और कहता है कि इन फलों पर सिर्फ गुरु जी का ही अधिकार है और उनके अलावा ये फल कोई और नहीं खा सकता है। इसके बाद सब शिष्य लकड़ी जमा करने लग जाते हैं।

रात को आश्रम पहुंचकर ये शिष्य तुंरत अपने गुरु के पास जाता है और उन्हें सारे फल दे देता है और कहता है, जंगल में आज मुझे एक फल का पेड़ दिखा। मैं उस पेड़ पर लगे सभी फलों को तोड़कर आपके लिए ले आया। कृपा करके आप इन फलों को खाए और मुझे बताएं की इनका स्वाद कैसा है। गुरु एक फल खाकर कहता है कि ये फल तो बेहद ही मीठा है और इसे खाकर मेरा मन खुश हो गया। गुरु की ये बात सुनकर शिष्य खुश हो जाता है। गुरु शिष्य को भी एक फल खाने को देते हैं लेकिन शिष्य फल लेने से मना कर देता है। शिष्य गुरु से कहता है कि, जब मैंने ये फल देखे तो मेरे मन में सिर्फ ये ही ख्याल आया कि मैं आपके लिए ये फल लेकर जाऊं इसलिए इन फलों पर सिर्फ आपका ही हक है। ये कहाकर शिष्य वहां से चले जाता है। गुरु द्वार फल की तारीफ सुन अन्य शिष्यों का मन भी फल खाने के लिए कर जाता है और वो गुरु से कहते हैं कि आपके पास खूब  सारे फल हैं क्या आप हमें भी ये स्वादिष्ट फल खाने को दे सकते हैं। गुरु शिष्यों को एक-एक फल दे देता है। शिष्य जैसे ही फल को खाते हैं तो उनका मन खराब हो जाता है और सभी शिष्य गुरु से बोलते हैं कि ये फल आपको कैसे पसंद आ सकता है। इसका स्वाद तो बेहद ही कड़वा है। आपने ऐसा क्यों कहा कि ये बेहद ही मीठा है।

गुरु हंसते हुए शिष्यों को कहता है कि तुम लोगों ने इस फल के स्वाद पर ध्यान दिया है। लेकिन मैने ये फल किस भावान से मेरे लिए लाए गए हैं इसपर ध्यान दिया। अगर मैं इस फल के स्वाद को खराब बोलता तो उसका दिल टूट जाता है। जीवन में कई बार दूसरो का मन रखने के लिए झूठी बोलना पड़ जाता है।

कहानी की सीख – कई बार दिल रखने के लिए सच्चाई को छुपाना पड़ता है और झूठा का सहारा लेना पड़ता है।

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