अध्यात्म

आखिर क्या है भाई दूज का महत्व? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन की सही विधि

भाई बहनों के आपसी प्रेम और समर्पण के प्रतीक का त्यौहार भाई दूज माना जाता है, भाई दूज को भैया दूज भी कहा जाता है, इस दिन महिलाएं अपने भाइयों को अपने घर पर आमंत्रित करके उनको तिलक लगाकर भोजन कराती हैं, भाई दूज के अवसर पर भाई बहन एक साथ बैठकर भोजन का सेवन करते हैं, ऐसा माना जाता है कि अगर भाई बहन भाई दूज के अवसर पर यमुना किनारे बैठकर एक साथ भोजन करते हैं तो यह बहुत ही मंगलकारी माना गया है, भाई दूज के दिन यम देवता की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भैया दूज का पर्व मनाया जाता है, इस दिन यमराज और द्वितीय तिथि का संबंध होने की वजह से इसे यमद्वितीय भी कहते हैं, इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करके भाई की लंबी आयु की कामना करती है, मान्यता अनुसार अगर इस दिन भाई बहन के घर जाकर भोजन करके तिलक कराता है तो इससे उसके जीवन की रक्षा होती है, इस वर्ष भाई दूज 29 अक्टूबर 2019 को मनाई जाएगी।

भाई दूज का महत्व

जिस प्रकार रक्षाबंधन के त्यौहार पर भाई अपने बहन की रक्षा का वचन देता है वही भैया दूज के अवसर पर बहन अपने भाई की लंबी आयु की कामना करती है, कई स्थान ऐसे हैं जहां पर बहन अपने भाई को तेल लगाकर स्नान कराती है, अगर यमुना नदी में स्नान किया जाए तो यह बहुत ही शुभ माना गया है, अगर आप यमुना में नहा नहीं कर सकते तो इस स्थिति में भाई दूज के अवसर पर भाई अपनी बहन के घर में जाकर स्नान कर सकता है, जिन महिलाओं का विवाह हो चुका है उनको अपने भाई को अपने घर आमंत्रित करना चाहिए और भोजन कराना चाहिए, अगर आप इस दिन महिलाएं अपने भाई को चावल खिलाती है तो यह बहुत ही शुभ माना गया है।

कई बार ऐसा होता है कि सगी बहन ना होने की वजह से लोग चिंतित रहते हैं परंतु इस स्थिति में आप परेशान ना हो, अगर आपकी कोई सगी बहन नहीं है तो आप चचेरी या फिर ममेरी बहन के साथ भी भैया दूज का पर्व मना सकते हैं, भैया दूज का त्यौहार भाई-बहनों के बीच हमेशा आपसी प्रेम का प्रतीक माना गया है, इस त्यौहार को मनाने से भाई-बहनों के बीच हमेशा प्रेम बना रहता है, चाहे आप अपने जीवन में कितने भी बिजी क्यों ना हो, भाई बहन एक दूसरे के साथ कुछ पल अवश्य गुजारे।

भैया दूज पूजन की सही विधि

भाई दूज के अवसर पर बहने नहा धोकर साफ सुथरे के कपड़े पहने, इसके पश्चात कुमकुम और रोली से 8 दाल वाला कमल का फूल बनाये, इतना करने के बाद भाई की लंबी उम्र और कल्याण की कामना के साथ व्रत का संकल्प लीजिए और विधि विधान पूर्वक यम देवता की पूजा कीजिए, जब आप यम देवता की पूजा कर ले तो यमुना, चित्रगुप्त और यमदूतो की भी पूजा कीजिए, इसके बाद बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती करें, इस मौके पर भाई अपनी बहन को उपहार देता है, जब तक पूजा नहीं हो जाती तब तक भाई-बहन को व्रत करना चाहिए और पूजा होने के पश्चात भाई-बहन साथ बैठकर भोजन करें।

भैया दूज का शुभ मुहूर्त

29 अक्टूबर 2019 को भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा, भाई दूज 29 अक्टूबर की प्रातः 6:13 बजे से आरंभ है और इसका समापन 30 अक्टूबर 2019 की सुबह 3:48 बजे तक रहेगा, दोपहर 1:11 बजे से दोपहर 3:23 बजे तक भाई दूज का शुभ समय रहने वाला है।

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